रांची: राजधानी के दूसरे सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल में सुविधाएं बढ़ाने को लेकर प्रबंधन रेस है. आए दिन इस हॉस्पिटल में मरीजों के लिए हाईटेक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है. अब सदर हॉस्पिटल में कैथलैब बनाने का रास्ता साफ हो गया है. जल्द ही हॉस्पिटल में कैथलैब बन जाएगा. इसके बाद हार्ट के मरीजों के इलाज में बड़ी राहत मिलेगी. वहीं मरीजों की एंजियोग्राफी से लेकर एंजियोप्लास्टी और पेसमेकर लगाने का काम भी शुरू किया जाएगा.
बता दें कि स्वास्थ्य विभाग ने हॉस्पिटल में कैथलैब बनाने को लेकर एक्सप्रेशन आफ इंटरेस्ट मांगा था. जिसमें कुछ कंपनियों ने इंटरेस्ट दिखाया था. इसके बाद उन कंपनियों से फाइनल बातचीत चल रही है. बता दें कि कैथ लैब वह जगह है जहां एब्लेशन, एंजियोग्राम, एंजियोप्लास्टी और पेसमेकर/आईसीडी ट्रांसप्लांट सहित अन्य प्रक्रियाएं की जाती हैं.
ओपीडी के साथ सर्जरी की भी सुविधा
फिलहाल हॉस्पिटल में हार्ट के मरीजों को ओपीडी की सुविधाएं मिल रही है. अब कैथलैब बन जाने से मरीजों को ओपीडी के साथ ही सर्जरी की सुविधा भी दी जायेगी. इसके लिए कैथ लैब बनाने का काम जल्द शुरू होगा. इस दिशा में स्वास्थ्य विभाग सक्रिय है. लोकसभा चुनाव के कारण ये सुविधाएं शुरू होने में देर हुई है. लेकिन जल्द ही इसका लाभ हॉस्पिटल में आने वाले मरीजों को मिलने लगेगा. स्वास्थ्य विभाग भी मैनपावर सहित उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने को लेकर रेस है.
ओपीडी में इलाज के लिए आ रहे मरीज
हॉस्पिटल में कई सुपरस्पेशियलिटी विभागों के ओपीडी शुरू हो गए है. जिसमें से एक हार्ट ओपीडी भी है. मरीजों को डॉक्टर सलाह दे रहे हैं. उनका इलाज भी ढंग से हो रहा है. ऐसे में जब कैथलैब की सुविधा मिलेगी तो इलाज के लिए मरीज प्राइवेट की जगह अब सदर में पहुंचेंगे. चूंकि इससे पहले केवल सरकारी हॉस्पिटलों में रिम्स में ही कैथलैब की सुविधा है. बता दें कि सदर ओपीडी में हर दिन एक हजार से अधिक मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे है.
सिविल सर्जन डॉ प्रभात कुमार की मानें तो कुछ कंपनियों ने कैथलैब बनाने में इंटरेस्ट दिखाया था. एक दो कंपनियों से बात अंतिम चरण में है. अब कैथलैब बन जाने से हार्ट के मरीजों को इलाज के लिए रिम्स पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. वहीं हम सदर में सभी तरह की हाईटेक सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे.