नई दिल्ली: दिल्ली के राजेन्द्र नगर में कोचिंग में हुए हादसे का मामला सदस्यों ने सोमवार को लोकसभा में उठाते हुए इस मामले की विस्तृत जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बांसुरी स्वराज ने शून्यकाल शुरू होते ही कोचिंग में हादसे में दो छात्राओं और एक छात्र की मौत का मुद्दा उठाते हुए कहा कि दिल्ली के राजेन्द्र नगर में एक हृदय विदारक घटना हुई जिसमें तीन बच्चों की जान चली गयी. ये बच्चे अपना भविष्य उज्ज्वल करने आये थे लेकिन दिल्ली सरकार की लापरवाही के कारण इनकी जान चली गई. उन्होंने कहा कि एक दशक से आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली में है लेकिन सरकार दिल्लीवासियों के लिए कोई काम नहीं कर रही है. पिछले दो साल से दिल्ली नगर निगम में भी आम आदमी पार्टी की सरकार है. उन्होंने सरकार से मामले की जांच कराने की मांग की.

जिम्मेवारों के खिलाफ हो कार्रवाई

समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव ने कहा, यह एक दर्दनाक घटना है. योजना बनाना और एनओसी देना अधिकारियों की जिम्मेदारी है, सवाल यह है कि कौन-कौन जिम्मेदार हैं और उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की जा रही है. यह अवैध निर्माण का सिर्फ एक मामला नहीं है, हम यूपी में देख रहे हैं कि अवैध इमारतों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है, क्या यह सरकार यहां बुलडोजर चलाएगी या नहीं?

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, यह एक चौंकाने वाली स्थिति है और मुझे कहना होगा कि जब आपके पास एक प्रतिभाशाली छात्र हो तो यूपीएससी परीक्षा के माध्यम से देश की सेवा करने के सभी सपने चकनाचूर हो जाते हैं और परिवार की उम्मीदें भी टूट जाती हैं. यह एक ऐसा मामला है जिसके लिए निश्चित रूप से मुआवजे की आवश्यकता है, लेकिन एक युवा व्यक्ति की दुखद मौत के लिए कोई भी मुआवजा पर्याप्त नहीं हो सकता है. कई गंभीर मुद्दे हैं, जिनका समाधान किया जाना चाहिए – दुखद रूप से बिल्डिंग कोड, अग्नि सुरक्षा, बाढ़ सुरक्षा आदि के मामले में बुनियादी मानदंडों का उल्लंघन शहर में व्याप्त है. निगम की भी जिम्मेदारी है. मैंने एक पत्रकार के हाथों में 9 जुलाई को जारी किया गया क्लीयरेंस सर्टिफिकेट देखा है. निगम इन लोगों को यह कहते हुए काम करने की अनुमति देता है कि वे नियमों का पालन कर रहे हैं.

 

 

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