JoharLive Desk
नई दिल्ली : बच्चों के लिए शैंपू, साबुन और पाउडर बनाने वाली कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन के बेबी पाउडर में कैंसर कारक तत्व एस्बेस्टस मिला है। इसके बाद कंपनी ने अमेरिका में 33 हजार बोतलों को वापस बुला लिया है।
अमेरिकी स्वास्थ्य नियामक फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (यूएसएफडीए) ने जांच के लिए कुछ नमूनों को लिया था। इन नमूनों में कैंसर कारक तत्व मिला है। इसके बाद कंपनी ने अपने उत्पाद को बाजार से वापस मंगा लिया है।
अमेरिकी शेयर बाजार में शुक्रवार को इस खबर के बाद कंपनी का शेयर छह फीसदी लुढ़क गया और यह 127.70 डॉलर के भाव पर बंद हुआ। रॉयटर्स के मुताबिक, एक ऑनलाइन रिटेलर से सिंगल बोतल खरीदी गई थी। इसके बाद परीक्षण के लिए स्वेच्छा से #22318RB के लॉट को वापस बुलाया गया है, जिसमें 33 हजार बॉटल्स हैं। कंपनी ने हालांकि अब भी कहा है कि उसके पाउडर में एस्बेस्टस नहीं है।
जॉनसन एंड जॉनसन के उत्पाद भारत के अलावा कई अन्य देशों में बिकते हैं। कंपनी को अपने कई प्रोडक्ट की वजह से मुकदमा और जुर्माने का सामना करना पड़ा है. हाल ही में एक शख्स ने प्रोडक्ट पर सवाल खड़ा करते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
अमेरिका की एक अदालत ने इसी साल अगस्त में कंपनी पर 57.20 करोड़ डॉलर (करीब 41 अरब रुपये) का जुर्माना लगाया था। ओकलाहोमा की क्लेवलैंड काउंटी की जिला अदालत के जज थाड बाकमैन ने अपने फैसले में कहा कि कंपनी ने जानबूझकर ओपॉयड के खतरे को नजरअंदाज किया और अपने फायदे के लिए डॉक्टरों को नशीली दर्द निवारक दवाएं लिखने के लिए अपने पक्ष में किया। जज ने राज्य सरकार की ओर से ओपॉयड पीड़ितों के इलाज के लिए मांगी गई राशि के मुकाबले जॉनसन एंड जॉनसन को काफी कम भुगतान करने का आदेश दिया है। राज्य सरकार ने 17 अरब डॉलर की मांग की थी।
जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी के बेबी पाउडर के कैंसरकारक साबित होने के बाद अब उसके बेबी शैंपू भी अप्रैल महीने में क्वालिटी टेस्ट भी फेल हो गया था। राजस्थान ड्रग कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन ने टेस्ट के बाद कंपनी को नोटिस भेजा था। टेस्ट फेल होने की वजह फॉर्मल्डिहाइड तत्व था, हालांकि कंपनी अपनी ओर से ऐसा तत्व शैंपू में मिलाए जाने से इनकार किया है।
राजस्थान सरकार के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के तहत आने वाली इस संस्था ने पांच मार्च को भेजे नोटिस में कहा था कि कंपनी के बेबी शैंपू के सितंबर 2021 की एक्सपायरी डेट के दो बैच से लिए सैंपल गुणवत्ता जांच में फेल हुए हैं। इनमें हानिकारक तत्व पाए गए हैं। नोटिस में इन तत्वों के बारे में नहीं बताया गया है। ये शैंपू हिमाचल प्रदेश स्थित प्लांट में बनाए गए थे। कंपनी ने संकेत दिए कि इन सैंपल में इमारत निर्माण सामग्री से संबंधित फॉर्मल्डिहाइड मिला है।