ओटावा: कनाडा में रहने वाले विवादित सिख नेता रिपुदमन सिंह मलिक की गोली मारकर हत्या कर दी गई. वर्ष 1985 के एयर इंडिया बम विस्फोट मामले में बरी किए जा चुके बिजनेसमैन और सिख नेता रिपुदमन सिंह मलिक की कनाडा के वैंकूवर में गोली मारकर हत्या कर दी गई.
यह घटना शुक्रवार सुबह स्थानीय समयानुसार 9 बजे की है, जब वह अपने ऑफिस जा रहे थे. हत्या के कारणों का पता नहीं चल सका है.
रिपुदमन सिंह ने इस साल जनवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की थी. उन्होंने पत्र लिखकर सिख समुदाय के लिए मोदी सरकार की तरफ से उठाए गए अभूतपूर्व कदमों के लिए आभार व्यक्त किया था.
दावा किया जा रहा है कि मलिक की हत्या इसी के चलते की गई है. खबर की पुष्टि करते हुए, मलिक के बहनोई जसपाल सिंह ने एजेंसी को बताया, ‘हम इस बारे में अनिश्चित हैं कि रिपुदमन को किसने मारा.
उसकी छोटी बहन कनाडा जा रही है.’ मलिक उन व्यक्तियों में से एक थे जिन पर एयर इंडिया की फ्लाइट 182 कनिष्क पर बमबारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आरोप लगाया गया था.
23 जून 1985 को आयरलैंड के तट पर कनाडा से एयर इंडिया की उड़ान 182 ‘कनिष्क’ पर एक बम विस्फोट हुआ, जिसमें 329 यात्री और चालक दल के लोग मारे गए. इसमें 280 से अधिक कनाडाई नागरिक शामिल थे जिनमें 29 पूरे परिवार और 12 वर्ष से कम उम्र के 86 बच्चे शामिल थे.
रिपुदमन मलिक कथित तौर पर पंजाब में कई आतंकवादी घटनाओं के लिए जिम्मेदार आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा से जुड़ा था और एयर इंडिया बमबारी के कथित मास्टरमाइंड तलविंदर सिंह परमार का करीबी सहयोगी भी था.
बब्बर खालसा, एक अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन है और अमेरिका, कनाडा और भारत सहित कई देशों द्वारा प्रतिबंधित है.
मलिक और उसके सह-आरोपी अजैब सिंह बागरी को 2005 में सामूहिक हत्या और साजिश के आरोप से बरी कर दिया गया था. विशेष रूप से मलिक ने अपने बरी होने से पहले चार साल जेल में बिताए और बाद में कानूनी शुल्क के रूप में 9.2 मिलियन अमरीकी डालर मांगे.
हालांकि, ब्रिटिश कोलंबिया के एक न्यायाधीश ने मुआवजे के उनके दावों को खारिज कर दिया. एयर इंडिया की फ्लाइट 182 पर बमबारी अब तक का सबसे बड़ा आतंकवादी हमला है. पीड़ितों में से अधिकांश कनाडाई थे. बमबारी कनाडा में नियोजित और एक साजिश का परिणाम थी.
रिपुदमन सिंह मलिक पर भारत में प्रवेश पर बैन था. हालांकि, बाद में सिख संगठनों के अनुरोध पर मोदी सरकार ने उसे 2020 में सिंगल एंट्री वीजा दिया. बताया जा रहा है कि इसके बाद उसने मई में दिल्ली, पंजाब, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र की तीर्थ यात्रा की थी. वह कनाडा में खालसा स्कूल चलाता था.
पिछले कुछ समय से वह लगातार कट्टरपंथियों के निशाने पर था. हाल के वर्षों में उसने मोदी सरकार की ओर से भारत में सिखों के कल्याण के लिए उठाए जा रहे कदमों की तारीफ की थी.