पटना : बिहार के मुख्यमंत्री व जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार को उनकी पार्टी जदयू द्वारा देश का दूसरा गांधी बताने का मामला सूर्खियों में है. एक तरफ जहां मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा ने मामले में अपना विरोध दर्ज कराया है. वहीं, दूसरी ओर सरकार में गठबंधन की मुख्य सहयोगी लालू यादव की पार्टी आरजेडी ने भी अपनी नाराजगी जताई है. राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानन्द तिवारी ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की गांधीजी से तुलना करना उचित नहीं है. मैं और नीतीश कुमार दोनों डॉ राम मनोहर लोहिया के समाजवादी विचारधारा से प्रेरित होकर राजनीति में आए हैं. डॉ लोहिया भी कहते थे कि गांधी जैसा व्यक्तित्व विरले पैदा होता है. ऐसे में किसी अन्य को गांधी बताया जाना सही नहीं होगा.
क्या है मामला
दरअसल, शनिवार को पटना की सड़कों पर जदयू के नेता की ओर से पोस्टर लगाकर नीतीश कुमार को देश का दूसरा गांधी बताया गया. पोस्टर बिहार जेडीयू के महासचिव छोटू सिंह ने लगाया था. इसमें कहा गया कि गांधी की धरती पर समानता का पाठ पढ़ाने वाले देश के दूसरे गांधी नीतीश कुमार हैं. इस पर पहले बीजेपी ने विरोध जताया, उसके बाद अब राजद की ओर से भी आपत्ति जताई गई है. वहीं, जदयू ने इसे सही करार दिया है. पार्टी के प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि नीतीश कुमार ने समाज के लिए जो किया, वैसा किसी ने नहीं किया.
जानें आरजेडी उपाध्यक्ष ने क्या कहा
इधर, अपने आवास पर मीडिया से बातचीत में शिवानंद तिवारी ने कहा कि किसी से किसी की तुलना किये जाने की कोई तो सीमा होनी चाहिए. गांधी देश में मात्र एक हुए फिर उनके बाद कोई दूसरा उनके जैसा नहीं हुआ. ऐसा व्यक्तित्व संसार में कभी-कभी ही पैदा होता है. ये बात सिर्फ मैं ही नहीं, बल्कि देश के बड़े समाजवादी राम मनोहर लोहिया भी कहते थे.
बीजेपी ने पहले ही दर्ज कराया है विरोध
वहीं, बीजेपी को भी नीतीश कुमार को गांधी बताया जाना रास नहीं आया. प्रवक्ता कुंतल कृष्ण ने कहा कि नीतीश कुमार देश की राजनीति के सबसे बड़े मौकापरस्त नेता हैं. लालू यादव का विरोध करके बिहार के सीएम की कुर्सी पर बैठे और फिर उन्हीं की गोद में चले गए. गांधीजी इसे कभी स्वीकार नहीं करते. क्या यही नीतीश कुमार का गांधीवादी चेहरा है.