रांची : झारखंड सरकार में जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार होगा. एक ओर जहां झामुमो ने अपने मंत्रियों की लिस्ट पहले ही तैयार कर ली है. वहीं, कांग्रेस के मंत्रियों की संख्या भी तय है. अब सिर्फ किन्हें मंत्री बनाना है, यह फैसला कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को लेना है. झारखंड कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर प्रदेश में चुनाव परिणाम के बाद लगातार सक्रिय हैं. उन्होंने सीनियर लीडरशिप के साथ अपनी पहली बैठक की, जिसमें चुनाव प्रचार से लेकर चुनाव परिणाम और सरकार गठन तक कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई.
मीर ने कही ये बड़ी बात
मीर ने बताया कि केंद्रीय नेतृत्व को झारखंड के विधायकों की सूची सौंप दी गई है. जल्द ही मंत्रिमंडल गठन की प्रक्रिया पूरी होगी. मीर ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने पहले ही तय किया है कि हेमंत सोरेन को स्वतंत्रता दी जाएगी कि वह अपनी टीम में किसे मंत्री बनाएंगे. मंत्रियों के विभागों का बंटवारा जनता की भलाई और बड़े जाति समूहों के प्रतिनिधित्व को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा.
कांग्रेस के ये 4 मंत्री संभावित
सूत्रों के अनुसार, हेमंत सोरेन के मंत्रिमंडल में कांग्रेस के चार मंत्री शामिल किए जा सकते हैं. पिछली सरकार में भी कांग्रेस कोटे के चार मंत्री थे, और इस बार भी जातीय और क्षेत्रीय संतुलन को ध्यान में रखते हुए मंत्रियों के नाम तय किए जाएंगे. कांग्रेस के संभावित मंत्रियों में डॉ. रामेश्वर उरांव, इरफान अंसारी, प्रदीप यादव, और दीपिका पांडेय सिंह का नाम सामने आ रहा है.
झामुमो के मंत्रियों की लिस्ट है तैयार
मंत्रिमंडल में झारखंड मुक्ति मोर्चा के मंत्रियों की संख्या अधिक होगी. दीपक बिरुआ, स्टीफन मरांडी, रामदास सोरेन, लुइस मरांडी, हफिजुल हसन, एमटी राजा, संजीव सरदार आदि मंत्री की रेस में हैं.
भाकपा-माले का पहले ही मंत्रिमंडल में शामिल होने से इनकार
वहीं, भाकपा-माले ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि उनकी पार्टी मंत्रिमंडल का हिस्सा नहीं बनेगी. निरसा विधायक अरूप चटर्जी ने कहा कि उनकी पार्टी गठबंधन के साथ बनी रहेगी, लेकिन मुख्यमंत्री पर कोई दबाव नहीं डाला जाएगा. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे हमेशा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ हैं और जनता की भलाई के लिए काम करेंगे.
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