जामताड़ा : सात दिवसीय संगीतमय भागवत कथा का शुभारंभ गुरुवार को जामताड़ा के गांधी मैदान में वृंदावन धाम से पधारे श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर स्वामी इंद्रदेव जी सरस्वती महाराज ने पहले दिन भागवत कथा का महत्व बताते हुए कहा कि मृत्यु को जानने से मृत्यु का भय मन से मिट जाता है. जिस प्रकार परीक्षित ने भागवत कथा का श्रवण कर अभय को प्राप्त किया, वैसे ही भागवत जीव को अभय बना देती है. उन्होंने आगे कहा कि श्रीमद्भागवत कथा परमात्मा का अक्षर स्वरूप है. यह परमहंसों की संहिता है, भागवत कथा हृदय को जागृत कर मुक्ति का मार्ग दिखाता है. चैत मास में इसके श्रवण का अलग महत्व है. भागवत कथा भगवान के प्रति अनुराग उत्पन्न करती है. यह ग्रंथ वेद, उपनिषद का सार रूपी फल है. यह कथा रूपी अमृत देवताओं को भी दुर्लभ है.
इस मौके पर कथा के संयोजनकर्ता श्रवण कुमार अग्रवाल उनकी धर्मपत्नी, उनका पुत्र संकेत कुमार अग्रवाल, सुमित अग्रवाल, विक्की नरनोलिया, कपूर नरनोलिया, मोहनलाल बर्मन, दामोदर राय, प्रदीप चौधरी, प्रवीण चौधरी, श्यामदेव चौधरी, गुड्डू सिंह, प्रभु मंडल, राज किशोर सिंह, अजीत सिंह ,संजय नरनोलिया, संजय परशुरामका, संजय राय आदि मौजूद थे.
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