रांची। आय से अधिक संपत्ति मामले में पूर्व मंत्री बंधु तिर्की के भाग्य का फैसला आने के बाद विधायकी समाप्त हो गयी है। विधायकी खत्म होने के बाद मांडर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होगा। यह चुनाव 6 माह के अंदर होना है।
सीबीआई की विशेष अदालत ने बंधु तिर्की को दोषी करार दिया गया है। आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने के मामले में यह फैसला आया है। सीबीआइ कोर्ट ने बंधु तिर्की को 3 साल की सजा और 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माने की राशि नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा मिलेगी।
इससे पूर्व अदालत ने 16 मार्च को दोनों पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद 28 मार्च फैसले की तारीख निर्धारित की थी। बंधु तिर्की पर आय से छह लाख 28 हजार 698 रुपये अधिक सम्पत्ति अर्जित करने का आरोप है। उक्त मामले में सीबीआई टीम ने उन्हें बनहौरा स्थित आवास से 12 दिसंबर 2018 को गिरफ्तार किया था। करीब 40 दिन जेल में रहने के बाद हाईकोर्ट ने जमानत की सुविधा प्रदान की थी। सीबीआइ ने बंधु तिर्की के खिलाफ कोड़ा कांड में 11 अगस्त 2010 को आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी। 16 जनवरी 2019 को आरोप गठित किया गया था। मामले में सीबीआई की ओर से सीबीआई एसपी सह मामले के जांच अधिकारी पीके पाणिग्रही एवं रांची के तत्कालीन डीसी राजीव अरुण एक्का समेत 21 गवाही दर्ज कराई गई है। जबकि बचाव पक्ष की ओर से पांच गवाही दर्ज कराई गई थी। बता दें कि सीबीआई कोर्ट की सख्ती के बाद 24 फरवरी से 16 मार्च तक लगातार मामले में बचाव पक्ष की ओर से बहस की गई थी। जो पिछले दो साल से बहस पर लंबित चल रही थी।
क्लोजर रिपोर्ट को अदालत ने किया था रद्द
सीबीआई दिल्ली ने बंधु तिर्की के मामले में जांच की और मई 2013 में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की। इसमें कहा गया था कि तिर्की के पास आय से अधिक संपत्ति पाई गई है लेकिन संपत्ति इतनी कम है कि सीबीआई इस मामले में उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के पक्ष में नहीं हैं। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ने क्लोजर रिपोर्ट की समीक्षा के बाद सीबीआई के इस पक्ष को अमान्य करार दिया था। कहा आरोपी के पास आमदनी के मुकाबले 30 प्रतिशत अधिक राशि है। जो ट्रायल चलाने लायक है।