रांची: राजधानी का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी हॉस्पिटल सदर हॉस्पिटल का नया भवन तो हैंड ओवर हो गया. लेकिन किचन की स्थिति नहीं सुधरी. वहीं मॉड्यूलर किचन के नाम पर केवल आईवॉश किया गया. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आज भी किचन में मरीजों का खाना नहीं बनाया जा रहा. दिखावे के लिए रोटी मेकर और अन्य मशीनें लगा दी गई है. लेकिन आज भी मॉड्यूलर किचन नहीं बन पाया. जिससे कि किचन की स्थिति खराब हो रही है. वहीं स्टाफ को भी काम करने में परेशानी आ रही है.

किचन को बना दिया गोदाम

हॉस्पिटल में बड़ा सा किचन बनाया गया. जहां पर एक हिस्से में मॉड्यूलर किचन के लिए जगह तय है. इसमें भी ठेकेदार ने कुछ काम किया. लेकिन किचन को मॉड्यूलर नहीं बनाया. इस बीच हॉस्पिटल प्रबंधन ने भी किचन को गोदाम बना दिया है. जहां पर हॉस्पिटल के लिए मंगाई जाने वाली दवाएं व अन्य सामान स्टॉक किए जा रहे है. जिससे कि वहां पर हमेशा ही लोगों का आना-जाना लगा रहता है. ऐसे में हाइजीन की धज्जियां उड़ाई जा रही है.

किचन के बगल में कचरे का अंबार

हॉस्पिटल का किचन मॉड्यूलर तो नहीं बना. वहीं बाहर में हॉस्पिटल का कचरा निकालकर छोड़ दिया जा रहा है. घंटों तक हॉस्पिटल का कचरा किचन के बगल में ही पड़ा रहता है. इससे भी इंफेक्शन फैलने का खतरा बढ़ रहा है. इसके बावजूद हॉस्पिटल प्रबंधन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है. बता दें कि हाईकोर्ट में पीआईएल के बाद हॉस्पिटल का नया भवन बनकर तैयार हुआ है. लेकिन कई काम अब भी अधूरे पड़े है.

 

 

 

 

 

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