Joharlive Desk

नई दिल्ली। पिछले कुछ सालों में मोबाइल फोन के बाजार में काफी तेजी आई है। भारत में इस वक्त तमाम कंपनियों के मोबाइल फोन के प्रोडक्शन तो हो रहे हैं, वहीं भारत अब मोबाइल के साथ-साथ मोबाइल पार्ट्स का निर्यात भी बड़े स्तर पर किया जा रहा है। बजट 2021 में विदेशी मोबाइल महंगे होने की बात कही गई है। मोबाइल फोन पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाकर 2.5 फीसदी की गई है।

चार्जर महंगे होने का सबसे बड़ा असर आम आदमियों पर पड़ेगा, क्योंकि पहले मोबाइल कंपनियां फोन के साथ चार्जर देती थीं, लेकिन एपल, शाओमी और सैमसंग जैसी कंपनियों ने फोन के साथ चार्जर देना बंद कर दिया है। ऐसे में लोगों को अलग से चार्जर खरीदना पड़ रहा है।

बजट 2021 का असर उन मोबाइल कंपनियों पर अधिक पड़ेगा जिनके फोन भारत में तैयार नहीं होते हैं, हालांकि अच्छी बात यह है कि एपल से लेकर शाओमी, रियलमी और सैमसंग तक के फोन का प्रोडक्शन भारत में हो रहा है, हालांकि इससे घरेलू कंपनियों को काफी फायदा होगा।

इस बजट से एक बड़ी बात सामने आई है और वह यह है कि भारत में अभी तक मोबाइल पार्ट्स का प्रोडक्शन नहीं होता था लेकिन वित्त मंत्री ने कहा कि भारत अब मोबाइल के साथ-साथ मोबाइल पार्ट्स को भी अन्य देशों में भेज रहा है।

बता दें कि कुछ दिन पहले ही ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि ताइवान की कंपनी पेगाट्रॉन कॉरपोरेशन के साथ टाटा ने इलेक्ट्रॉनिक्स, मोबाइल फोन और उसके कलपुर्जे बनाने के लिए साझेदारी की है। इसके लिए दोनों कंपनियों के बीच 85 हजार करोड़ का निवेश हुआ है।

रिपोर्ट में कहा गया था कि निवेश के पहले चरण में टाटा इलेक्ट्रानिक्स ने मोबाइल फोन के कलपुर्जे बनाने के लिए 5,767 करोड़ और पेगाट्रॉन ने मोबाइल फोन बनाने के लिए 80 हजार 500 करोड़ का निवेश किया है।

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