नई दिल्ली: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को बौद्ध धर्म पर उनके रुख पर सवाल उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ताजा हमला बोला. खड़गे, जो बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं, ने 2009 में कर्नाटक के गुलबर्गा में बुद्ध विहार के उद्घाटन समारोह के बारे में बताया, जिसे सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट द्वारा स्थापित किया गया था, जिसके वह संस्थापक-अध्यक्ष हैं. उन्होंने कहा कि इस साल 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के साथ समानताएं दिखाते हुए उद्घाटन में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने भाग लिया था, जिसमें कथित तौर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित नहीं करने के लिए आलोचना हुई थी.
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि आपने क्या किया, आपने प्राण प्रतिष्ठा के लिए किसे आमंत्रित किया? क्या आपने हर विपक्षी दल के नेताओं को निमंत्रण दिया? आप अपनी इच्छा के अनुसार सब कुछ कर रहे हैं, और फिर भी वह मंदिर एक तिहाई भी पूरा नहीं हुआ है. अब वहाँ” जहां तक निर्माण का सवाल है, तो इसका उद्घाटन किसे करना चाहिए था, हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार, प्राण प्रतिष्ठा किसे करनी चाहिए थी? खड़गे ने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा करने को लेकर पीएम मोदी पर सवाल उठाए.
उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिए, मैंने गुलबर्गा में बुद्ध विहार की स्थापना की, तो इसके लिए किसे बुलाया गया था? बुद्ध को भगवान विष्णु का 9वां अवतार माना जाता है, लेकिन वे (भाजपा) बुद्ध के करीब नहीं आते हैं. आप जानते हैं कि उत्तराखंड में यह लागू किया गया है कि यदि कोई बौद्ध धर्म अपनाना चाहते हैं तो उन्हें जिला मजिस्ट्रेट से संपर्क करना चाहिए. यह इस देश का एक धर्म है, जो इस देश में स्थापित किया गया है, जिसे पूरी दुनिया में स्वीकार किया गया है, लेकिन आप (पीएम मोदी) अब इसमें विश्वास नहीं करते हैं. लेकिन मैंने उस समय क्या किया, मैंने इसे दूर से देखा जब ‘प्रतिष्ठा’ दलाई लामा द्वारा की गई थी और भारत की तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल भी वहां मौजूद थीं.
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