JoharLive Desk
नई दिल्ली। सरकार के स्वामित्व वाली दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल का घाटा बीते वर्ष 2019 में अप्रैल-दिसंबर की अवधि में 2.5 गुना बढ़कर 39,089 करोड़ रुपये हो गया। पहले ही आर्थिक तंगी से जूझ रही दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड को पटरी पर लाने के लिए काम करने की बात सरकार कह चुकी है।
बहरहाल, संचार राज्य मंत्री संजय धोत्रे ने संसद में बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र की इस दूरसंचार कंपनी को पिछले वित्तवर्ष 2018-19 में 14,904 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।
धोत्रे ने राज्यसभा में गुरुवार को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह बात कही। उन्होंने कहा कि बीएसएनएल से जानकारी मिली है कि चालू वित्तवर्ष यानी वर्ष 2019-20 (31 दिसंबर, 2019 तक) में उसका संचित घाटा 39,089 करोड़ रुपये है।
बता दें कि सरकार ने पिछले साल 23 अक्तूबर को फोर-जी स्पेक्ट्रम आवंटन और स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) सहित घाटे में चलने वाले बीएसएनएल और एमटीएनएल को फिर से अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए 68,751 करोड़ रुपये का पैकेज दिया था।