सरायकेला : भारत सरकार ने डायन कुप्रथा के खिलाफ आंदोलन चलाने और डायन पीड़ितों को न्याय दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाली छुटनी महतो को पद्मश्री सम्मान से नवाजा है. मगर झारखंड में आज भी डायन कुप्रथा खत्म नहीं हुई है. जिस छुटनी महतो को डायन कुप्रथा से लड़ने के लिए पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया, उन्हीं छुटनी महतो के गृह जिला सरायकेला में बीती रात सोमवार को डायन बिसाही मामले में एक भाई ने भाई की जान ले ली, जो कहीं न कहीं शासन-प्रशासन पर कई सवाल खड़े कर रहा है. डायन कुप्रथा के उन्मूलन को लेकर चलाए जा रहे अभियान पर भी सवाल उठ रहे हैं. सवाल तब और गहरा हो जाता है जब छुटनी जैसी ब्रांड एंबेसडर के रहते हुए उसी के जिले में डायन के नाम पर हत्या हो.
क्या है मामला
मामला सरायकेला थाना क्षेत्र के हड़ुआ गांव का है, जहां एक भाई ने लकड़ी के कुन्दे से अपने बड़े भाई की मारकर हत्या कर डाली. हालांकि, हत्यारे भाई ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है. वहीं, मृतक की पहचान 70 वर्षीय साधु पूर्ति के रूप में हुई है. हत्यारे भाई का नाम विशु पूर्ति उर्फ पहलवान बताया जा रहा है. मृतक की बेटी पुनि टुडू के अनुसार, उसका चाचा उसकी मां को डायन कहता था. इसको लेकर कई बार घर में विवाद हो चुका था. बीती रात भी उसका चाचा उसकी मां को डायन बताकर मारने आया था. बीच-बचाव करने गए उसके पिता के सिर पर लकड़ी के कुन्दे से हमला कर दिया, जिसमें वे बुरी तरह से घायल हो गए और मौके पर ही दम तोड़ दिया.
क्या कहते हैं मुखिया
इधर, सोमा पूर्ति मुखिया गोविंदपुर पंचायत ने बताया कि दोनों भाइयों के बीच संपत्ति विवाद था. मगर जब मैं यहां पहुंचा तो पता चला कि हत्या डायन बिसाही मामले में हुई है. इधर घटना के बाद गांव में सनसनी फैल गई है. सूचना मिलते ही थाना प्रभारी अर्जुन उरांव दल बल के साथ हड़ुआ गांव पहुंचे और मृतक के शव को अपने कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई में जुट गए हैं. आपको बता दें कि डायन कुप्रथा के उन्मूलन और डायनों के नाम पर प्रताड़ित महिलाओं के हितों की रक्षा करने को लेकर साल 2021 में सरायकेला की छुटनी महतो को पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया था.