रांची। झारखंड के जंगलों में सुरक्षाबलों के खौफ का मंजर अब दिखने लगा है। पहाड़ और जंगल में राज करने वाले अब लाल आतंक का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण करने को मजबूर है। सोमवार को मुठभेड़ में ढ़ेर होने के डर से 10 लाख के इनामी जोनल कमांडर अमरजीत यादव उर्फ टिंगू उर्फ लखन यादव, 5 लाख के इनामी सब-जोनल कमांडर सहदेव यादव उर्फ लटन उर्फ सुदर्शन समेत पांच उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। डोरंडा स्थित आईजी कार्यालय में सभी उग्रवादियों ने झारखंड सरकार के आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर आईजी अभियान अमोल वेणुकान्त होमकर के समक्ष सरेंडर किया है। झारखंड पुलिस के साथ-साथ सीआरपीएफ और चतरा जिले के लिए बड़ी उपलब्धि है। सभी कुख्यात उग्रवादी झारखंड के चतरा, हजारीबाग और बिहार के औरंगाबाद व गया जिला के कई मामलों में संलिप्त है। सरेंडर के दौरान अमरजीत यादव ने एके-56 – 2 पीस, एसएआर – 1 पीस, इंसास राइफल – 1 पीस, राइफल ( .303 ) – 2 पीस, एमएम यूएस राइफल – 1 पीस, देशी बंधूक – 2 पीस, 1855 राउंड जिंदा गोली, विभिन्न हथियारों का मैगजीन – 41 पीस, वायरलेस सेट- 16 पीस समेत अन्य सामान शामिल है।
झारखंड-बिहार का कुख्यात इंदल गंझू ने 4 अप्रैल को किया सरेंडर
15 लाख के ईनामी इंदल गंझू उर्फ ललन गंझू ने 4 अप्रैल को सरेंडर किया था। आईजी अभियान एवी होमकर, सीआरपीएफ के आईजी विधि कुमार विधि, हजारीबाग डीआईजी नरेंद्र सिंह और चतरा एसपी राकेश रंजन के समक्ष सरेंडर किया था। इंदल मूल रूप से बिहार के गया जिले के इमामगंज थाना क्षेत्र के असरैन गांव का रहने वाला है। वर्तमान में वह भाकपा माओवादी संगठन में रिजनल कमांडर था और सरकार ने उस पर 15 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। पुलिस की लगातार नक्सल विरोधी अभियान से परेशान होकर इंदल ने सरेंडर किया है। इंदल गंझू के खिलाफ 145 मामले दर्ज हैं। इनमें चतरा जिला में 48, पलामू जिले में एक, हजारीबाग जिले में पांच और बिहार के गया 78 एवं औरंगाबाद में 13 मामले दर्ज हैं।
इन-इन लोगों ने किया है सरेंडर
1. अमरजीत यादव उर्फ टिंकू ( जोनल कमांडर, 10 लाख )
2. सहदेव यादव उर्फ लटन ( सब-जोनल कमांडर, 5 लाख )
3. नीरू यादव उर्फ सलीम ( सब-जोनल कमांडर )
4. संतोष भुइंया उर्फ सुकून ( सब-जोनल कमांडर )
5. अशोक बैगा उर्फ अशोक परहिया ( दस्ता सदस्य )