नई दिल्ली : भारत में आजादी के बाद पहली बार 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय बाल पुरस्कार दिए जाएंगे. यह निर्णय केंद्रीय सरकार ने लिया है और 26 जनवरी के बजाय 26 दिसंबर को यह पुरस्कार दिए जाएंगे. गुरुवार को देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 17 बच्चों को इस पुरस्कार से सम्मानित करेंगी.
राष्ट्रीय बाल पुरस्कार केवल वीरता के लिए नहीं, बल्कि कला-संस्कृति, विज्ञान और तकनीकी, अन्वेषण, समाज सेवा, खेल और पर्यावरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए भी दिया जाएगा. इस पुरस्कार समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, 17 चयनित बच्चों को सम्मानित करेंगी. इनमें 7 लड़कों और 10 लड़कियों को सात अलग-अलग श्रेणियों में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया जाएगा.
केंद्रीय महिला और बाल कल्याण मंत्री ने इस आयोजन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह सम्मान भारत के बच्चों की अद्वितीय उपलब्धियों और सामर्थ्य को उजागर करने के लिए है. इस मौके पर पुरस्कार देने के लिए देशभर से 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बच्चों को चुना गया है.
वीर बाल दिवस की महत्वता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2022 में इस दिन को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाने का ऐलान किया था. यह दिन खासकर 10वें गुरु गोबिंद सिंह के छोटे बेटों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के बलिदान की याद में मनाया जाता है. 1704 में मुगलों के हमले के दौरान, दोनों भाइयों ने धर्म परिवर्तन से इंकार करते हुए बलिदान दिया था.
यह दिन देशवासियों के लिए बच्चों के अद्वितीय साहस और बलिदान को याद करने और सम्मानित करने का अवसर बन गया है.