रांची: पारस एचईसी अस्पताल में कैंसर के मरीज़ों के बीच जागरूकता लाने तथा उन्हें सपोर्ट करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम हौसला का आयोजन किया गया. जिसमें कैंसर का इलाज करा चुके मरीज़ों ने अपने अनुभवों को चिकित्सकों संग साझा किया. डॉ रैना ने कहा कि लोग समझते हैं कि कैंसर हो गया मतलब अब बचना मुश्किल है, लेकिन ऐसा नहीं है. कैंसर भी आम बीमारियों की तरह ही है. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से लोगों में कैंसर के प्रति जागरूकता लाना हमारा मुख्य मक़सद है.

हमारी कोशिश रहती है कि कैंसर के मरीज को एक सामान्य जीवन दे सकें

डॉ गौरव ने कहा कि आम तौर पर कैंसर के मरीज़ों को कीमोथेरेपी को लेकर एक डर रहता है. लेकिन ऐसी कोई बात नहीं है. कीमोथेरेपी के बाद थोड़ी बहुत समस्या आ सकती है जो जल्द ही ठीक हो जाती है. इस दौरान कैंसर का इलाज करा चुकी सुनीता ने बताया कि इलाज से पहले तो काफ़ी डर था. लेकिन इलाज के बाद अब बिलकुल सामान्य जीवन जी रही हूं. ऐसा कुछ भी महसूस नहीं होता है कि मुझे कैंसर भी हुआ था. डॉ गौरव ने कहा कि एक कैंसर मरीज़ को सबसे ज़्यादा हिम्मत देता है कोई दूसरा कैंसर मरीज़ जो इलाज करा चुका है. कैंसर एक लड़ाई है जिसे मानसिक ताक़त से हराना है. कैंसर के इलाज की प्रक्रिया को पूरी करना आवश्यक है. डॉ नीतीश ने कहा कि कैंसर के मरीज को हिम्मत और हौसला रखने की ज़रूरत है. इस तरह के कार्यक्रम से कैंसर के मरीज़ों को हौसला मिलता है. पारस अस्पताल कैंसर के इलाज के लिए समर्पित रहा है.

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