बदलापुर: बदलापुर में दो बच्चियों से यौन उत्पीड़न के आरोपी अक्षय शिंदे के एनकाउंटर पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने गंभीर सवाल उठाए हैं. अदालत ने कहा कि यह पहली नजर में एनकाउंटर नहीं लगता है. कोई आम आदमी गोली नहीं चला सकता. इसके लिए अलावा तीन गोलियां चलने की बात कही जा रही है और एक ही लगी है तो फिर बाकी की दो गोलियां कहां हैं. यही नहीं बेंच ने कहा कि इस मामले में पिस्तौल पर उंगलियों के निशान की जांच की जानी चाहिए. अदालत ने साफ कहा कि इसे एनकाउंटर नहीं कहा जा सकता. एक बात यह भी बेंच ने पूछी कि आखिर 4 पुलिस वाले एक आरोपी पर काबू क्यों नहीं कर सके. एक कमजोर आदमी ऐसा नहीं कर सकता क्योंकि रिवॉल्वर से गोली चलाना आसान नहीं है.
कोर्ट ने कहा कि एक आम आदमी पुलिस की रिवॉल्वर को लोड ही नहीं कर सकता. कैसे एक आरोपी तीन राउंड गोलियां पुलिस वैन के अंदर ही चलाता है और उसे पुलिसकर्मी काबू नहीं कर पाते. यह समझ से परे है और इसी के चलते सवाल खड़े होते हैं. बता दें कि इस एनकाउंटर पर अक्षय शिंदे के परिवार ने सवाल उठाए थे और हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. परिवार का कहना था कि उनके बेटे को मार डाला गया है और उसे अब एनकाउंटर बताया जा रहा है.
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