Bokaro – बोकारो स्टील प्लांट में गुजरे तीन और चार अप्रैल को हुए जबरदस्त बवाल मामले में विस्थापित अप्रेंटिस संघ के खिलाफ FIR दर्ज कराया गया है। यह FIR बोकारो स्टील प्लांट के प्रबंधन की ओर से दर्ज कराया गया है। करीब 400 लोगों के खिलाफ केस किया गया है। बीएसएल के महाप्रबंधक ( सुरक्षा ) द्वारा बी एस सिटी थाना में दर्ज केस संख्या – 69/ 25 में कहा गया है कि जिला प्रशासन की अनुमति के बिना प्रतिबंधित क्षेत्र में दो दिन तक संघ के लोगों ने तांडव किया। कानून को ठेंगा दिखाते हुए पूरे प्लांट को 36 घंटे तक पूर्णरूपेण बंद रखा। जिस कारण 200 करोड़ रुपए की हानि हुई, जिससे 5000 लोगों का जीवन प्लांट के अन्दर संकट में फंस गया। प्लांट के अन्दर विभिन्न इकाइयों के बीच फैले 55 किलोमीटर गैस नेटवर्क के लिए असुरक्षित स्थिति बन गई। इस कारण प्लांट के अन्दर और शहर की सुरक्षा और जीवन पर खतरा मंडराने लगा।
बीएसएल द्वारा की गई शिकायत में आगे लिखा गया है कि अप्रेंटिस संघ ने 01 अप्रैल को अपने प्रदर्शन की सूचना हमें दी। हमने उसी दिन इसी सूचना को जिला प्रशासन को दे दी। एसडीओ, चास अनुमंडल ने अपने पत्रांक – 464/ दिनांक- 02अप्रैल 2025 के तहत सूचित किया कि इस प्रकार के किसी भी धरना/ प्रदर्शन / घेराव की अनुमति नहीं दी गयी। लेकिन इसके बावजूद भी 03 अप्रैल की सुबह 09 बजे करीबन 500 लोग हरवे – हथियार के साथ बोकारो स्टील प्लांट के मुख्य प्रशासनिक भवन और प्लांट के मुख्य गेट के सामने आ डटे और उग्र होकर हिंसक प्रदर्शन प्रारंभ कर दिया। यह 04 अप्रैल तक चला।
थाना को दिए गए शिकायत में आगे लिखा गया है कि अवैध आंदोलनकारियों ने सड़क को पूरी तरह कब्जा में ले लिया और आने-जाने वाले प्लांट के कामगार,अधिकारी और आम लोगों के साथ मारपीट भी की। शाम लगभग 05 बजे इनका प्रदर्शन और भी उग्र और हिंसक हो गया। इन लोगों ने पत्थर, कांच की बोतले और बांस और बल्लियों से सीआईएसएफ के जवानों पर हमला किया। जिसमें कई जवान घायल भी हुए। बैरिकेट को जबरन तोड़कर अन्दर आने की कोशिश की। उनके इस आक्रमण को रोकने और अपने बचाव के दौरान एक प्रदर्शनकारी गिर गया और उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। इसके बाद उग्र आंदोलनकारियों ने BGH और लक्ष्मी मार्केट को भी अपने कोप का शिकार बनाया। हमारे मुख्य महाप्रबंधक और अन्य कई अधिकारियों की गाड़ी को भी रोक कर दुर्व्यवहार किया गया।
04 अप्रैल की सुबह 7.30 बजे के करीब तेनुघाट – बोकारो नहर को भी काट दिया गया। इस कारण शहर के हजारों लोगों के बीच पानी का संकट खड़ा हो गया। 04 अप्रैल की देर रात जब जिला प्रशासन ने भारतीय दंड संहिता की धारा – 163 लगाई तो इन लोगों ने उसका भी उल्लंघन बोकारो जेनरल अस्पताल और प्रशासनिक भवन के इस्पात भवन पर किया।
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