Joharlive Team
रांची। बोकारो विधायक बिरंची नारायण ने रांची सदर के अनुमंडल पदाधिकारी और भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता के खिलाफ विधानसभा की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन के नियम-186 के तहत विशेषाधकार हनन के तहत मामला चलाने की मांग विधानसभा अध्यक्ष से की है। इस संदर्भ में उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा है। विधायक द्वारा सौपे गए पत्र में लिखा गया है कि आवास खाली कराने के मामले में पदाधिकारियों ने उन्हें अपमानित किया है। उन्होेंने स्पीकर की मांग की है कि उक्त दोनों पदाधिकारियों के विरुद्ध विशेषाधिकार हनन के तहत मामला दर्ज किया जाए और पूरे प्रकरण की जांच और कार्रवाई के लिए इस मामले को विशेषाधिकार समिति को भेजा जाए। विधानसभा अध्यक्ष को प्रेषित पत्र में बिरंची नारायण ने विस्तार से पूरे घटनाक्रम का उल्लेख किया है।
क्या है मामला
बिरंची ने कहा कि उन्हें 10 मार्च 2013 को केंद्रीय पूल रांची का सरकारी आवास एफ टाइप बंगला संख्या 131 डोरंडा में आवंटित हुआ था। इसके बाद भवन निर्माण विभाग ने 14 फरवरी 2020 को मुझे आवास संख्या ई-275 सेक्टर टू एचइसी धुर्वा में आवंटित किया गया। लेकिन विभाग द्वारा मुझे कोई भी आवंटन संबंधित पत्र की प्रति उपलब्ध नहीं कराई गई। उन्होंने आवास खाली कराने को लेकर इस बीच भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता और रांची सदर के अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा किए गए पत्राचार का विस्तार से उल्लेख करते हुए कहा कि इन दोनों पदाधिकारियों ने जानबूझकर एक निर्वाचित जन प्रतिनिधि को अपमानित और जलील करने के उद्देश्य से पत्र व्यवहार किया है। उन्होंने विशेष तौर पर अनुमंडल पदाधिकारी लोकेश मिश्रा के तीन जुलाई को प्राप्त पत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि पत्र में एसडीओ ने उन्हें पूर्व विधायक कह कर संबोधित किया है। पत्र के अंशों का जिक्र करते हुए कहा कि उनसे 72 घंटे के अंदर आवास स्वत: खाली कराने काे कहा गया। पत्र में यह भी कहा गया कि इस अवधि के बाद आवास काे बलपूर्वक खाली कराया जाएगा। बिरंची नारायण ने कहा कि अनुमंडल पदाधिकारी ने बिना 72 घंटे व्यतीत हुए एडवांस में ही दो दंडाधिकारी प्रतिनियुक्त करते हुए पुलिस अधीक्षक रांची से सशस्त्र बल जिसमें 20 पुरुष लाठी बल, 20 महिला आरक्षी लाठी बल एवं पुलिस पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति का आदेश चार जुलाई तक करने संबंधी आदेश निर्गत कर दिया। जो कि अनुमंडल पदाधिकारी की मेरे प्रति गलत मंशा को दर्शाता है। बिरंची नारायण ने कहा कि अनुमंडल पदाधिकारी मेरे लिए जिस प्रकार के शब्दों का प्रयोग किया है, उससे मै काफी आहत हूं।