रांची : झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा की करारी हार के बाद पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व अब इसके कारणों को पता लगाने में जुट गया है. पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने चुनाव प्रभारी केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और संगठन प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी से हार के कारणों पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. प्रदेश भाजपा भी इस संदर्भ में केंद्रीय नेतृत्व को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.

ओबीसी या सामान्य वर्ग के प्रभावशाली नेता पर विचार

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार,  नए साल की शुरुआत में प्रदेश संगठन में नेतृत्व परिवर्तन की संभावना जताई जा रही है. वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने विधानसभा चुनाव में सफलता हासिल की है,  इस कारण उन्हें विधानसभा में कोई महत्वपूर्ण भूमिका दी जा सकती है. प्रदेश अध्यक्ष के लिए भाजपा इस बार ओबीसी या सामान्य वर्ग के प्रभावशाली नेताओं के नाम पर विचार कर रही है. इसके अलावा चुनाव में हारने के बावजूद सरकार के खिलाफ मुखर विरोध करने की क्षमता रखने वाले किसी नेता को भी इस जिम्मेदारी का भार सौंपा जा सकता है. हालांकि, इस संबंध में पार्टी के किसी भी नेता ने अब तक कुछ भी बोलने से इनकार किया है.

प्रदेश अध्यक्ष से संगठन महामंत्री तक बदलाव के चर्चे

प्रदेश अध्यक्ष के साथ-साथ संगठन महामंत्री के पद पर भी बदलाव की चर्चा हो रही है. वर्तमान संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह ने लोकसभा चुनाव से पहले झारखंड में अपनी जिम्मेदारी संभाली थी, लेकिन अब चर्चा है कि उन्हें सह संगठन महामंत्री की नियुक्ति के साथ समर्थन दिया जा सकता है. राष्ट्रीय नेतृत्व को यह महसूस हो रहा है कि हार के बाद कार्यकर्ताओं से बेहतर समन्वय के लिए नए या सहयोगी संगठन महामंत्री की आवश्यकता हो सकती है. भाजपा में संगठन महामंत्री का दायित्व आमतौर पर आरएसएस के प्रचारकों को सौंपा जाता है.

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