रांची : झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के समापन से पहले भाजपा विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. वहीं उन्हें अध्यक्ष पद से हटाने की मांग कर दी है. इसे लेकर उन्होंने विधानसभा के प्रभारी सचिव के नाम पत्र लिखा है. जिसमें उनपर सत्तापक्ष का समर्थन करने और उनके इशारे पर निर्णय लेने का आरोप लगाया है. बता दें कि 1 अगस्त को बीजेपी के 18 विधायकों को हंगामा करने के दौरान सदन से निलंबित कर दिया गया था. इसके बाद ही सभी विपक्ष के विधायक धरने पर बैठ गए थे.
क्या लिखा है पत्र में
झारखण्ड विधान सभा की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन के नियम 158 (1) के तहत झारखण्ड विधान सभा के वर्तमान माननीय अध्यक्ष को उनके पद से हटाने के लिए निम्न संकल्प की सूचना देते हैं-
“झारखण्ड विधान सभा के वर्तमान माननीय अध्यक्ष ने अपने पद का विवेकपूर्ण उपयोग नहीं करते हुए भाजपा के 18 विधायकों को हेमंत सरकार के इशारे पर निलंबित किया, जो निम्न हैं- अनंत कुमार ओझा, रणधीर कुमार सिंह, नारायण दास, अमित कुमार मंडल, डॉ. नीरा यादव, किशुन कुमार दास, केदार हाजरा, बिरंची नारायण, अपर्णा सेनगुप्ता, राज सिन्हा, कोचे मुंडा, भानु प्रताप शाही, समरी लाल, सी पी सिंह, नवीन जयसवाल, डॉ. कुशवाहा शशि भूषण मेहता, आलोक कुमार चौरसिया एवं पुष्पा देवी. झारखण्ड विधान सभा के फुटेज से स्पष्ट है कि माननीय नेता प्रतिपक्ष श्री अमर कुमार बाउरी ने दिनांक 31.07.2024 को सदन शुरू होते ही युवाओं एवं संविदाकर्मियों के विषय पर चर्चा करवाने एवं माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन से जवाब दिलवाने का आग्रह किया था और यह बता भी दिया था कि यदि रात को भी रुकना पड़े तो भी हम तैयार हैं, लेकिन बिना माननीय मुख्यमंत्री का जवाब सुने हमलोग नहीं जाएंगे.
झारखण्ड विधान सभा के वर्तमान माननीय अध्यक्ष ने अपने पद का निष्पक्ष रूप से उपयोग नहीं किया और माननीय मुख्यमंत्री के हित की रक्षा करते हुए सरकार के इशारे पर झामुमो के एक विधायक श्री सुदिव्य कुमार के द्वारा लाये गए निलंबन प्रस्ताव पर भाजपा विधायकों को निलंबित किया है, जबकि अमूमन इस प्रकार का प्रस्ताव माननीय संसदीय कार्य मंत्री सदन में लाते हैं तथा उसके पूर्व में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक होती है, जो नहीं हुआ.
झारखण्ड विधान सभा के वर्तमान माननीय अध्यक्ष ने अपने पद का सही रूप से निर्वहन नहीं करते हुए करीब 05 वर्ष माननीय अध्यक्ष की भूमिका में कम झामुमो के कार्यकर्ता के रूप में ज्यादा कार्य किया, इसका प्रमाण है विधान सभा अध्यक्ष रहते 2024 के संपन्न लोकसभा चुनाव में दुमका लोकसभा क्षेत्र में झामुमो का झंडा लगाकर झामुमो प्रत्याशी श्री नलिन सोरेन जी के पक्ष में चुनाव प्रचार किया.
झारखण्ड विधान सभा के वर्तमान माननीय अध्यक्ष ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए माननीय झारखण्ड उच्च न्यायालय की बांग्लादेशी घुसपैठियों को चिन्हित कर वापस भेजने के लिए कार्य योजना शीघ्र बनाने का निर्देश हेमंत सरकार को दिया था, दुर्भाग्य से माननीय विधान सभा अध्यक्ष जी ने माननीय उच्च न्यायालय को भी नहीं बख्शा तथा माननीय उच्च न्यायालय की भी आलोचना करते हुए सार्वजनिक रूप से कहा कि झारखण्ड में बांग्लादेशी घुसपैठियों का कोई मामला ही नहीं है.
झारखण्ड विधान सभा के वर्तमान माननीय अध्यक्ष ने अपने पद पर रहते हुए लगभग 04 वर्ष तक भाजपा विधायक दल के नेता श्री बाबूलाल मरांडी जी सहित कई भाजपा विधायकों को पूर्वाग्रह से ग्रसित रहकर सदन के अंदर बोलने तक नहीं दिया तथा कई विधयाकों की पूरे सत्र के दरम्यान एक बार भी ध्यानाकर्षण की सूचना ग्रहण नहीं किया.
झारखण्ड विधान सभा के वर्तमान माननीय अध्यक्ष ने अपने पद पर रहते हुए लगातार केन्द्र सरकार की आलोचना की, यहां तक कि भाजपा के गोड्डा के माननीय सांसद के व्यक्तिगत बयान की भी सदन में चर्चा कर झामुमो एवं कांग्रेस के विधायकों को भी उकसाने का काम किया ।
झारखण्ड विधान सभा के वर्तमान माननीय अध्यक्ष ने अपने पद पर रहते हुए भाजपा विधायकों पर झूठा आरोप लगाया कि भाजपा विधायकों ने महिला एवं पुरुष मार्शलों के साथ दुर्व्यवहार किया है, इससे दुःखी होकर हम सभी भाजपा विधायक सक्षम न्यायालय में माननीय विधान सभा अध्यक्ष के विरुद्ध मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे.
झारखण्ड विधान सभा के वर्तमान माननीय अध्यक्ष ने अपने पद पर रहते हुए माननीय नेता प्रतिपक्ष श्री अमर कुमार बाउरी एवं अन्य विधायकों द्वारा युवाओं को 05 लाख नौकरी, तथा स्नातकों को 5000 रुपये तथा स्नातकोतरों को 7000 रूपये का बेरोजगारी भता, पारा शिक्षक, सहायक पुलिस, होम गार्ड, आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका एवं रसोईया, पारा मेडिकल कर्मी, मनरेगा कर्मी, पंचायत कर्मी सहित कार्यरत सभी अनुबंध कर्मियों को 2019 के विधान सभा चुनाव में माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी के द्वारा परमानेंट करने का एवं उनकी समस्त मांगों को पूरी करने का झूठा वादा किया गया था, उन्हीं वादों को याद करते हुए भाजपा के विधायक माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन से सदन में जवाब चाह रहे थे, बजाय जवाब दिलवाने के माननीय विधान सभा अध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष के साथ रुखा, कड़ा एवं दुर्वयवहार किया, जो विधानसभा के CCTV फुटेज में देखा जा सकता है.
उपरोक्त तथ्यों से स्पष्ट है कि झारखण्ड विधान सभा के वर्तमान माननीय अध्यक्ष अपने पद का संवैधानिक दायित्व निर्वहन में असफल रहे हैं तथा झारखण्ड विधान सभा की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन के अनुरूप सभा कार्य का संचालन एवं निष्पादन सम्यक रूप से नहीं कर रहे है. अत झारखंड विधानसभा के वर्तमान अध्यक्ष को उनके पद से हटाया जाए.