रांची। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित उनके परिजनों पर नाम बदल बदलकर जमीन लूट में शामिल होने का आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया कि उनके पास उपलब्ध जानकारी के मुताबिक रांची में दहरू मुंडा नामक एक आदिवासी की जमीन 2002 में हेमंत सोरेन ने हेमंत कुमार सोरेन के नाम से खरीदी। इसी तरह रांची से संतालपरगना तक जमीन खरीद में शिबू सोरेन ने शिव सोरेन बनकर जमीन ली। शिबू सोरेन के बेटे बसंत सोरेन ने इस काम के लिए पिता का नाम शिव कुमार सोरेन दिखाया है।

प्रदेश कार्यालय में बुधवार को पत्रकार वार्ता में बाबूलाल मरांडी ने हैरानी जताते कहा कि राज्य का आदिवासी सीएम ही आदिवासी की जमीन लूटने में लगा है। ऐसे कई उदाहरण हैं जिसके जरिये सोरेन परिवार ने अकूत संपत्ति बनाई है। ऐसी सरकार को तो बर्खास्त होना चाहिए। जेल जाना चाहिए।

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य की भ्रष्ट, लूटेरी सरकार के कारनामों और उसके हकीकत को जनता को 17 अगस्त से राज्य भर में शुरू होने वाले संकल्प यात्रा के दौरान बताया जाएगा। साहेबगंज के सिदो कान्हो की धरती भोगनाडीह से शुरू होकर 10 अक्टूबर तक चलने वाली इस यात्रा के दौरान लोगों को बताएंगे कि जितनी जल्दी हो, इस राज्य से ऐसी लूटेरी, भ्रष्टाचारी सरकार से मुक्ति मिले। आदिवासियों को उनका अधिकार मिले। वे आदिवासी मुख्यमंत्री के ही हाथों ना लूटे जाएं।

मरांडी के मुताबिक जमीन लूट में अपने फंसने का भय मुख्यमंत्री को है। यही कारण है कि ईडी के बुलावे से उन्हें भय है। वे महंगे वकीलों की सेवाएं लेने में लगे हैं। यदि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है तो ईडी के बुलावे पर जाकर अपनी बात रखते। विपक्षी दलों के नेता अक्सर यह सवाल उठाते रहे हैं कि बाबूलाल मरांडी कुतुबमीनार से कब कूदेंगे। बाबूलाल मरांडी ने इसके जवाब में कहा कि हम तो कुतुबमीनार से कूद ही चुके थे लेकिन भाजपा ने बचा लिया।

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