रांची : राज्य स्थापना दिवस और जनजातीय गौरव दिवस के दिन पीएम के दौरे ने नयी चर्चाओं को जन्म दे दिया है. राजनीतिक हलकों में अब चर्चा यह हो रही है कि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में होने वाले चुनाव से पहले प्रधानमंत्री उन राज्यों में न जाकर बिरसा मुंडा के गांव उलिहातु जाना कहीं भाजपा की चाल तो नहीं. प्रधानमंत्री के दौरे के बहाने भाजपा एक तीर से कई निशाने साधने की तैयारी में लगी है. कांग्रेस इसे चुनावी सभा बता रही है. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि भाजपा मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ व राजस्थान में आदिवासियों को एकजूट करने में जुटी है. कारण यह है कि आदिवासी बहुल राज्यों में होने वाले चुनाव में आदिवासी समाज के लोगों की भूमिका अहम मानी जा रही है.
मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़,राजस्थान व तेलंगाना के आदिवासियों पर निशाना साध रही भाजपा
अगर इन राज्यों में आदिवासियों की संख्या पर बात करें तो मध्यप्रदेश में 31 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ में 34 प्रतिशत, राजस्थान में 17 प्रतिशत व तेलंगाना में 9 प्रतिशत है. यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में लगातार आदिवासियों की योजनाओं पर फोकस किया.
वर्ष 2018 को दोहराने के मूड में नहीं है भाजपा
बताया यह भी जा रहा है कि साल 2018 के चुनाव में बीजेपी ने तीन राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सत्ता गंवायी तो इसके लिए भी आदिवासी वोट छिटकना बड़ी वजह है. दरअसल, छत्तीसगढ़ विधानसभा की 90 में से 29 सीटें आदिवासियों के लिए आरक्षित हैं जो कुल सदस्य संख्या की एक तिहाई पहुंचती हैं. इन 29 में से बीजेपी महज चार सीटें ही जीत पाई थी. मध्य प्रदेश की 230 में से 47 और राजस्थान की 25 सीटें आदिवासियों के लिए आरक्षित हैं. कांग्रेस को 2018 के चुनाव में मध्य प्रदेश की 47 में से 30 और राजस्थान की 25 में से 16 सीटों पर जीत मिली थी. बीजेपी की कोशिश अब छिटके आदिवासी मतदाताओं को फिर से अपने साथ लाने की है.
साल 2024 में झारखंड में लोकसभा और विधानसभा की है तैयारी
देखा जाये तो झारखंड में अगले साल 2024 में झारखंड में भी लोकसभा और विधानसभा का चुनाव होना है. इसको देखते हुए भी भाजपा ने तैयारी शुरू कर दी है. कुछ दिनों पूर्व भाजपा के संकल्प यात्रा के समापन पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा रांची आयें और भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं में जोश भरने का काम किया. अब देखना यह है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के दौरे का कितना लाभ पार्टी को मिलता है.
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