रांची: बीजेपी प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने जेएमएम पर जमकर निशाना साधा. कड़ी टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि जेएमएम ने चुनाव आयोग को लिखित शिकायत की है. जेएमएम ने बीजेपी पर कई आरोप लगाए है. चुनाव आयोग को उन्होंने पत्र लिखा है. उन्होंने बीजेपी पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया है. जबकि जेएमएम और तुष्टिकरण एक दूसरे के पर्यायवाची शब्द हो गए है. बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि इन लोगों ने 100 से ज्यादा स्कूलों को उर्दू विद्यालय बना दिया. विधानसभा में तो मांग भी नहीं थी फिर भी नमाज स्थल बना दिया. आने वाले चुनावों में इस दल का ही अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा. जनता का संदेश आ रहा है कि अगले चुनाव में ये लोग कहीं दिखाई नहीं देंगे.

सुप्रीम कोर्ट से मुंह की खानी पड़ी

इससे पहले उन्होंने कई मुद्दों को लेकर सरकार पर हमला बोला. साहेबगंज नींबू पहाड़ मामले में हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए. आरोप था कि हजारों करोड़ के नींबू पहाड़ पर खनन कर दूसरे राज्यों में पत्थर बेच दिया गया. राज्य सरकार को हाईकोर्ट के आदेश का पालन कराना चाहिए था. लेकिन ये लोग हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चले गए. वहां उनको मुंह की खानी पड़ी. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के प्रतिनिधि से पूछा कि आप इतने नर्वस क्यों है. अगर मामले की सीबीआई जांच हो जाएगी तो सच सामने आएगा. आप इतना विरोध क्यों कर रहे है. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि इस मामले की सीबीआई जांच चलती रहेगी.

हाईकोर्ट ने भी किया खारिज

झारखंड का एक मामला था. ये हाईकोर्ट में हेमंत सोरेन लेकर गए थे. अपनी अरेस्टिंग को भी चैलेंज किया था. हाईकोर्ट का आबजर्वेशन था वह था कि एक हारते हुए मुवक्किल की तरह अंतिम एफर्ट में जो पिटिशनर है हेमंत सोरेन जो राजनैतिक बदले की बात कह रहे है, जिसे हम खारिज करते है. हाइकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया. सदर थाने में जमीन घोटाला को लेकर एक मामला दर्ज हुआ था. एफआईआर दिखाते हुए उन्होंने कहा कि किस तरह से हेमंत सोरेन की सरकार में रिकार्ड से छेड़छाड़ की गई. एफआईआर में धारा को बदलने का प्रयास किया गया. यह मामला कर्मचारी के खिलाफ दर्ज किया था. 120 बी वहीं लगता है जहां षडयंत्र की आशंका हो. हेमंत सोरेन भी इसकी जद में आने वाले थे. हाईकोर्ट ने कहा कि सदर थाने में दर्ज मामले में दस्तावेजों से छेड़छाड़ की गई उस समय सीएम हेमंत सोरेन थे. इसलिए इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. इस पर कार्रवाई होनी चाहिए. हमलोगों ने सुना था कि हेमंत सोरेन के आवास से 36 लाख रुपए कैश मिले थे. जेएमएम के प्रवक्ता ने कहा कि ये पैसे ईडी ने प्लांट कराए. बाद में हेमंत सोरेन ने हाइकोर्ट में याचिका में बताया कि ये पैसे पार्टी से अपने माता-पिता के इलाज कराने को लिया था. हाईकोर्ट ने कहा कि इस बात का समर्थन नहीं किया जा सकता. वहीं ईडी की जांच को लेकर हाईकोर्ट ने कहा कि जो साक्ष्य जुटाए गए है वह आगे की जांच के लिए काफी है. जमीन घोटाला मामले में अभी फैसला आना बाकी है. दस्तावेजों के आधापर हाईकोर्ट ने हेमंत सोरेन को प्रथम द्रष्टया दोषी माना है.

Share.
Exit mobile version