रांची : झारखंड मुक्ति मोर्चा विधायक बसंत सोरेन से जुड़े मामले में भारत निर्वाचन आयोग में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान भाजपा ने बसंत सोरेन के जवाब पर रिज्वाइंडर दाखिल करने के लिए समय मांगा। निर्वाचन आयोग ने रिज्वाइंडर दाखिल करने के लिए भाजपा को दो सप्ताह का समय देते हुए अगली सुनवाई के लिए 29 जून की तारीख मुकर्रर की है।
इससे पहले भारत निर्वाचन आयोग में पिछली सुनवाई के दौरान बंसत सोरेन ने संशोधित जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा था।बसंत सोरेन के आग्रह को चुनाव आयोग ने स्वीकार कर लिया था। नई दिल्ली स्थित चुनाव आयोग में भाजपा की ओर से शैलेश मोदियाल और कुमार हर्ष ने पक्ष रखा, जबकि विधायक बसंत सोरेन की ओर से वरीय अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने आयोग में पक्ष रखा।
गौरतलब है कि विधायक बसंत सोरेन के खिलाफ भाजपा ने पद का दुरुपयोग करने की शिकायत करते हुए झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस को ज्ञापन दिया था। भाजपा नेताओं के द्वारा दिये गये ज्ञापन में मांग की गई थी कि बसंत सोरेन को अयोग्य घोषित किया जाये। जिसके बाद झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने इस ज्ञापन को निर्वाचन आयोग को भेजा था।
बसंत सोरेन इस मामले में भारत निर्वाचन आयोग को पहले ही अपना जवाब भेज चुके हैं। अपने जवाब में उन्होंने कहा है कि आयोग से उन्होंने कोई तथ्य नहीं छिपाया है। चुनाव के दौरान सौंपे गये शपथपत्र में भी इसका उल्लेख है।