रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गढ़वा विधानसभा में एक जनसभा के दौरान भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार आदिवासियों के हित में कई दावों के बावजूद पीएम आवास योजना के तहत मिलने वाले पैसे को रोक रही है. उन्होंने कहा कि आदिवासियों के आवास के लिए उन्होंने कई बार प्रयास किया, लेकिन मदद नहीं मिली, जिसके चलते उन्होंने अपनी सरकार के तहत आबुआ आवास योजना शुरू की, जिससे लाखों वंचित लोगों को पक्के तीन कमरों के घर उपलब्ध कराए गए.
आदिवासी कल्याण योजनाओं पर जोर
हेमंत सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार ने जल सहिया, आंगनबाड़ी सेविकाओं और मानकी मुंडा पाहन का मानदेय दोगुना किया है. उन्होंने भाजपा नेताओं पर आरोप लगाया कि वे यहां आकर झूठे आश्वासन देते हैं, जबकि आदिवासियों के लिए वास्तविक काम नहीं करते. उन्होंने हिमंता बिस्वा सरमा पर निशाना साधते हुए कहा कि आदिवासियों के अधिकारों की बात करने वाले नेता स्वयं अपने राज्य में आदिवासी का दर्जा नहीं दे पाए हैं.
सरना धर्म कोड की मांग
सीएम ने कहा कि उनकी सरकार जब भी सरना धर्म कोड की मांग उठाती है, केंद्र सरकार उन्हें परेशान करती है. उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने गढ़वा के विकास में उल्लेखनीय प्रगति की है, जिसमें पहले से कहीं अधिक बिजली आपूर्ति और सड़क निर्माण शामिल है. हेमंत ने यह भी कहा कि अब राज्य में बिजली की आपूर्ति 20 से 22 घंटे हो गई है, जबकि पहले केवल कुछ घंटे ही बिजली मिलती थी. उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने 2 लाख रुपये तक के बकाया बिजली बिल माफ कर दिए हैं और 200 यूनिट बिजली की माफी की योजना भी लागू की है.