Joharlive Team

रांची : भाजपा सांसद समीर उरांव ने कहा कि भाजपा की रघुवर सरकार ने पांच साल के कार्यकाल में विकास की नयी रूपरेखा तैयार कर उसपर बखूबी काम किया। जाति-धर्म से ऊपर उठकर विकास करने का काम किया। वर्ष 2014 के पहले उपेक्षित रहे आदिम जनजाति के लोगों तक योजनाओं का लाभ कैसे पहुंचे इसपर कई प्रयास किये गए, कई योजनाओं की शुरुआत की गई , जिसका लाभ भी देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में झारखंड पुलिस में पहाड़िया समुदाय के लिए दो बटालियन का गठन किया गया। यह पहल पहली बार की गई। यही नही पहली बार आदिम जनजातियों के परिवारों को मुख्यमंत्री डाक योजना के तहत 35 किलो अनाज प्रत्येक माह उनके घर तक पहुंचाया गया। इस योजना के माध्यम से 73,386 परिवारों को लाभ मिल रहा है।
श्री उरांव ने कहा कि रघुवर सरकार ने संथाली पांडुलिपि को सरकारी मान्यता दी और इसे प्रोत्साहित भी की जा रही है। इसके अलावा संथालों के प्रमुख तीर्थस्थल लुगुबुरु घण्टबाड़ी को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर यहां लगने वाले मेले को राजकीय मेले का दर्जा दे दिया गया। आज तक हेमंत सरकार ने इनके बारे में कभी सोचा तक नहीं। उन्होंने कहा कि रघुवर सरकार ने पहली बार आदिम जनजाति टोलों के लिए पेयजल आपूर्ति योजना चलाई गई, इसके लिए सरकार ने 136 करोड़ रुपये की लागत तय की गई है। इस योजना का लाभ 2251 आदिम जनजाति टोलों के लोगों को मिलेगा।
श्री उरांव ने भाजपा के घोषणा पत्र की चर्चा करते हुए कहा कि सरकार ने अपने घोषणा पत्र में आदिम जनजातियों के लिए कई नई योजनाएं ला रही है। उन्होंने कहा  कि हर साल  जनजाति महोत्सव का आयोजन की जाएगी, जहां जनजाति इतिहास  मुद्दों और गौरव के बारे में लिखने वाले देशभर के लेखक कवि जनजातीय संस्कृति और भाषाओं को मानने वाले सभी एक साथ शामिल होंगे। इसके अलावा राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय मंचों पर जनजातीय कला संगीत और साहित्य को बढ़ावा दी जाएगी। जनजातीय महिलाओं के पुराने और नए स्वयं सहायता समूहों को 5 लाख रुपये तक रियायती दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। जनजातीय शोध संस्थान के अधीन एक जनजातीय लोक कला और साहित्य प्रकोष्ठ के गठन भी किया जाएगा।

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