Joharlive Team
रांची। लातेहार पुलिस ने बीजेपी नेता जयवर्द्धन सिंह हत्याकांड का खुलासा करते हुए चार अपराधियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार अपराधियों में राहुल कुमार ठाकुर (संगराहा पलामू), सत्यम कुमार गुप्ता (विश्रामपुर पलामू), अंशू प्रसाद (बरवाडीह) और सुरेश परहिया (हेंदेखास बरवाडीह) शामिल हैं। उक्त जानकारी लातेहार एसपी प्रशांत आनंद ने प्रेसवार्ता में दी। उन्होंने बताया है कि उग्रवादी संगठन जेजेएमपी के मनोहर परहिया
ने 50 हजार रुपए की सुपारी देकर हत्या कराई है। हत्याकांड का मुख्य आरोपी मनोहर की तलाश जारी है। उसे पकड़े जाने के बाद और भी खुलासा होगा। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में बीजेपी नेता लेवी की राह में बाधक नहीं बनें। इस मकसद से ही मनोहर परहिया ने सुरेश परहिया के मार्फत अंशु को हत्या के लिए 50 हजार दिए थे। पुलिस ने घटना में प्रयुक्त हथियार, खोखा, अभियुक्तों के सात मोबाइल सेट, छर्रे और सुपारी के लिए लिए गए 50 हज़ार रुपयों में से बीस हज़ार नकद बरामद किये हैं।
जेजेएमपी के मनोहर ने अंशु को शूटर बुलाने दिया था 50 हज़ार
एसपी ने बताया कि जेजेएमपी के मनोहर ने इस काम के लिए साला अंशु को 50 हज़ार रूपये दिए थे। अंशु ने शूटरों को लालच दिया कि इस घटना को अंजाम देने के बाद फिर पैसे की कमी नहीं रहेगी। बहुत पैसा होगा। अंशु ने उन्हें एक बाइक खरीद कर देने का वादा किया था। इसके बाद घटना से पूर्व दोनों शुटर राहुल और सत्या ने प्रज्ञा केंद्र पहुंच कर पैन कार्ड बनवाने की जानकारी ली। ताकि वहां बैठे भाजपा नेता की नजदीक से पहचान कर सकें। फिर राहुल ने सटा कर गोली मार दी। भागते समय राहुल तो पास ही बाइक लेकर मौजूद अंशु के साथ भाग निकला। लेकिन सत्या को स्थानीय लोगों ने दौड़ा दिया। उसने बचने के लिए हवा में गोली चलाई।इसके बाद सत्या पास की ही झाड़ी में छिप गया। फिर देर रात वहां से निकल कर उक्कामाढ़ पहुंचा जहाँ तीनों एक साथ मिल गए। इसके बाद तीनों हंदेहास पहुंचे और सुरेश परहिया के घर में रात बिताया। अगले दिन दोनों शूटर डालटनगंज की तरफ निकल गए। सुरेश परहिया जेजेएमपी के मनोहर का साला है।
क्या है मामला
लातेहार जिले के बरवाडीह में बीजेपी नेता जयवर्द्धन सिंह की पिछले पांच जुलाई को गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। जयवर्द्धन सिंह लातेहार के जिला महामंत्री के अलावा चतरा से पार्टी के सांसद सुनील सिंह के प्रतिनिधि भी थे। घटना शाम करीब साढ़े सात बजे हुई, जब वे बस स्टैंड के सामने एक ग्राहक सेवा केंद्र के सामने बैठे थे। घटना से कुछ ही देर पहले वे अपनी स्कॉर्पियों से वहां पहुंचे थे।