नई दिल्ली: केंद्र सरकार के नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) लागू किए जाने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बयान जारी कर कहा कि दस साल देश पर राज करने के बाद एन चुनाव के पहले मोदी सरकार CAA लेकर आयी है. ऐसे वक़्त जब गरीब और मध्यम वर्ग महंगाई से कराह रहा है और बेरोज़गार युवा रोज़गार के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है, उन असली मुद्दों का समाधान करने की बजाय ये लोग CAA लाये हैं.
उन्होंने आगे कहा कि वह कह रहे हैं कि तीन पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को भारत में नागरिकता दी जाएगी. यानि ये पड़ोसी देशों के लोगों को भारत में लाकर बसाना चाहते हैं. क्यों? अपना वोट बैंक बनाने के लिए. जब हमारे युवाओं के पास रोज़गार नहीं है तो पड़ोसी देशों से आने वाले लोगों को रोज़गार कौन देगा? उनके लिए घर कौन बनाएगा? क्या बीजेपी उनको रोज़गार देगी? क्या बीजेपी उनके लिए घर बनाएगी?
सीएम केजरीवाल ने कहा कि पिछले दस सालों में 11 लाख से ज़्यादा व्यापारी और उद्योगपति इनकी नीतियों और अत्याचारों से तंग आकर देश छोड़कर चले गये. उन्हें वापिस लाने की बजाय ये पड़ोसी देश के ग़रीबों को लाकर भारत में बसाना चाहते हैं. क्यों? सिर्फ़ अपना वोट बैंक बनाने के लिए? पूरा देश CAA का विरोध करता है. पहले हमारे बच्चों को नौकरी दो, पहले हमारे लोगों को घर दो. फिर दूसरे देशों के लोगों को हमारे देश में लाना. पूरी दुनिया में हर देश दूसरे देशों के ग़रीबों को अपने देश में आने से रोकता है क्योंकि इस से स्थानीय लोगों के रोज़गार कम होते हैं. बीजेपी शायद दुनिया की अकेली पार्टी है जो पड़ोसी देशों के ग़रीबों को अपना वोट बैंक बनाने के लिए ये गंदी राजनीति कर रही है. ये देश के ख़िलाफ़ है.
उन्होंने आगे कहा कि ख़ासकर असम और पूरे उत्तर पूर्वी भारत के लोग इसका सख़्त विरोध करते हैं जो बांग्लादेश से होने वाले माइग्रेशन के शिकार रहे हैं और जिनकी भाषा और संस्कृति आज ख़तरे में है. बीजेपी ने असम और पूरे उत्तर पूर्वी राज्यों के लोगों को धोखा दिया है. लोग इसका लोक सभा चुनाव में जवाब देंगे.
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