चेन्नई: केंद्र सरकार के नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) लागू किए जाने के बाद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ऐक्स पर लंबा-चौड़ा पोस्ट कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार के विभाजनकारी एजेंडे ने नागरिकता अधिनियम को हथियार बना दिया है, इसे CAA के अधिनियमन के माध्यम से मानवता के प्रतीक से धर्म और नस्ल के आधार पर भेदभाव के उपकरण में बदल दिया है. मुसलमानों और श्रीलंकाई तमिलों को धोखा देकर उन्होंने विभाजन के बीज बोए.
उन्होंने आगे कहा कि DMK जैसी लोकतांत्रिक ताकतों के कड़े विरोध के बावजूद, भाजपा की पिट्ठू पार्टी AIDMK के समर्थन से CAA पारित किया गया. लोगों की प्रतिक्रिया के डर से भाजपा ने इस कृत्य को ठंडे बस्ते में डाल दिया. स्टालिन ने कहा कि 2021 में DMK के सत्ता में आने के बाद, हमने TNLA में एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार से हमारे राष्ट्र की एकता की रक्षा करने, सामाजिक सद्भाव बनाए रखने और हमारे संविधान में निहित धर्मनिरपेक्षता के आदर्श की रक्षा करने के लिए नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को रद्द करने का आग्रह किया. अब, जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, प्रधानमंत्री मोदी राजनीतिक लाभ के लिए धार्मिक भावनाओं का शोषण करते हुए, नागरिकता संशोधन अधिनियम (CitizenshipAmendmentAct) को निंदनीय तरीके से पुनर्जीवित करके अपने डूबते जहाज को बचाना चाहते हैं.
Union BJP Government's divisive agenda has weaponised the Citizenship Act, turning it from a beacon of humanity to a tool of discrimination based on religion and race through the enactment of #CAA. By betraying Muslims and Sri Lankan Tamils, they sowed seeds of division.
Despite… pic.twitter.com/mbraX6SW10
— M.K.Stalin (@mkstalin) March 11, 2024
उन्होंने आगे लिखा कि हालांकि भारत के लोग इस विभाजनकारी नागरिकता संशोधन अधिनियम को लागू करने के लिए भाजपा और उनके रीढ़हीन समर्थकों, एडीएमके, जिन्होंने बेशर्मी से इसका समर्थन किया, को कभी माफ नहीं करेंगे. जनता उन्हें करारा सबक सिखाएगी.
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