कोडरमा: सीटू झारखंड के सचिव संजय पासवान ने दिल्ली पुलिस द्वारा  पत्रकारों, वैज्ञानिकों, सांस्कृतिक इतिहासकारों और कई अन्य लोगों के घरों पर की गई छापेमारी की कड़ी निंदा किया है. सीटू सचिव संजय पासवान ने कहा कि मीडिया संस्थानों और पत्रकारों पर कठोर यूएपीए की धाराएं लगाकर मीडिया और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकारों पर खुला हमला है. यह उन आवाज़ों को दबाने का एक ज़बरदस्त प्रयास है जो एक तरफ लोगों पर भारी बोझ डालने वाली मोदी सरकार की विनाशकारी नीतियों और दूसरी तरफ सांप्रदायिक जहर और नफरत फैलाने का विरोध कर रही हैं.

मोदी सरकार स्वतंत्र मीडिया घरानों, संगठनों और व्यक्तियों को परेशान करने, डराने और धमकाने के लिए जांच एजेंसियों को तैनात करने और झूठे मामले थोपने के लिए कुख्यात हो गई है. जो गोदी मीडिया द्वारा फर्जी खबरों के प्रसार के खिलाफ सच्चाई सामने लाने का प्रयास कर रहे हैं. बीबीसी, न्यूज़लॉन्ड्री, द वायर, दैनिक भास्कर, भारत समाचार, द कश्मीर वाला और कई अन्य समाचार एजेंसियों को पहले ही निशाना बनाया गया था. अब भाजपा सरकार ने न्यूज़क्लिक के ख़िलाफ़ अपना गुस्सा निकाला है, घरों पर छापेमारी की है और उसके अधिकारियों और कर्मचारियों के लैपटॉप और मोबाइल फोन छीन लिए हैं. इस तरह के तानाशाही कदम मोदी सरकार की कर्मचारी-विरोधी, जन-विरोधी और राष्ट्र-विरोधी नीतियों के खिलाफ किसी भी आलोचना के प्रति बढ़ती असहिष्णुता को दर्शाता हैं, खासकर लोगों की बढ़ती एकजुट कार्रवाइयों के मद्देनजर जब देश में आम चुनाव केवल कुछ ही महीने दूर हैं. सच बोलने वाले मिडिया संस्थाओं का उत्पीड़न बंद करे भाजपा सरकार सीटू अपने कार्यकर्ताओं और सभी वर्गों से मीडिया को दबाने और लोकतांत्रिक समाज में सच्चाई सामने लाने की अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करने से रोकने के उद्देश्य से किए गए इस जघन्य हमलों का कड़ा विरोध करने का आह्वान करती है.

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