Ranchi : बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मिश्रा ने रविवार को अपना 33वां दीक्षांत समारोह मनाया. इस दीक्षांत समारोह में 2023 में डिग्री लेने वाले 2818 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई. इसमें पीएचडी, यूजी, पीजी और डिप्लोमा के विद्यार्थी शामिल थे. इस समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में इंफोसिस के को-फाउंडर और पद्म भूषण सेनापति क्रिस गोपालकृष्णन थे. कार्यक्रम की शुरुआत में संस्थान के वीसी इंद्रनील मन्ना ने संस्थान की उपलब्धियों से अवगत कराया. वहीं संस्थान के चेयरमैन सीके बिड़ला ने भी लोगों को संबोधित किया.
उद्यम के विकास में नयी तकनीक का करें इस्तेमाल
दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए पद्म भूषण और इंफोसिस के को-फाउंडर सेनापति क्रिस गोपालकृष्णन ने कहा कि यहां आप शैक्षणिक जीवन की यात्रा समाप्त कर जीवन की असल यात्रा में निकल रहे हैं. आज जमाना तकनीक का है. ऐसे में जब आप यहां से डिग्री लेकर निकल रहे हैं तब आप बिजनेस मॉडल को डेवलप करने में नयी तकनीक का उपयोग करें. आज भारत नयी उद्यमिता के तमाम अवसर खोले हुए है. आप इस अवसर का लाभ उठाएं.
उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों को भी बधाई दी
उन्होंने मेडल पाने छात्रों के साथ-साथ इस शैक्षणिक वर्ष के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों को भी बधाई दी. उन्होंने बीआईटी मेसरा को उनके भविष्य को आकार देने और उन्हें उनके चुने हुए क्षेत्र में सफल करियर के लिए आवश्यक कौशल से लैस करने का काम सौंपने के लिए प्रत्येक के प्रति आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि आज से विद्यार्थी विद्यार्थी से राष्ट्र के प्रति योगदानकर्ता बन गये हैं. उन्होंने सभी को राष्ट्र के विकास में मदद करने के लिए प्रोत्साहित किया.
शिक्षा आजादी का पासपोर्ट है : सीपी राधाकृष्णन
चांसलर सीपी राधाकृष्णन ने अपने संबोधन के दौरान ओपरा विन्फ्रे के कथन को जोड़ते हुए कहा कि शिक्षा दुनिया को जानने-समझने की चाबी है. यह वो पासपोर्ट है जो आपको दुनिया के किसी भी हिस्से में जाने से रोक नहीं सकती. उन्होंने कहा कि आज तकनीक का जमाना है. ऐसे में तकनीक को महत्व दें. उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि ऐसा नहीं है कि आज आपकी शिक्षा का अंत हो रहा है. शिक्षा जीवन भर चलती है. उन्होंने स्टूडेंट्स को असफलता ने न घबराते हुए नियमित प्रयास करते रहने की सलाह दी. साथ ही बीआईटी के बारे कहा कि इस संस्थान ने कोविड के दौरान कई सामाजिक दायित्व का निर्वहन किया है. ऐसे संस्थान न केवल स्टूडेंट्स गढ़ते हैं बल्कि एक समाज का निर्माण करते हैं। आप नयी शुरुआत करें. नौकरी पाने के लिए नहीं बल्कि नौकरी देने के लिए काम करें.