Bihar : IAS अधिकारी संजीव हंस को केंद्रीय कार्मिक विभाग द्वारा निलंबित कर दिया गया है. यह कार्रवाई उनकी आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद की गई है. लगभग छह महीने पहले बिहार सरकार ने संजीव हंस को पद से मुक्त कर दिया था, जब उन्हें ED (प्रवर्तन निदेशालय) द्वारा भ्रष्टाचार के मामलों में घेर लिया गया था.
ED के अनुसार, संजीव हंस पर आरोप है कि उन्होंने 2018 से 2023 तक बिहार और केंद्र सरकार में विभिन्न पदों पर रहते हुए काली कमाई की और भ्रष्ट आचरण अपनाया. ED ने इस मामले में एक सप्लीमेंट्री चार्जशीट कोर्ट में दायर की थी, जिसमें राजद के पूर्व विधायक गुलाब यादव समेत कई अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है. इस मामले में जांच एजेंसी ने पटना, दिल्ली और अन्य शहरों में छापेमारी भी की है.
संजीव हंस और उनके परिवार के सदस्यों से भी पूछताछ की जा चुकी है, और ED ने उन्हें 18 अक्टूबर को गिरफ्तार कर लिया था. वर्तमान में वह जेल में बंद हैं. इससे पहले, बिहार सरकार ने उन्हें ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव और बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी के एमडी के पद से हटा दिया था.
अब केंद्रीय कार्मिक विभाग द्वारा उनके निलंबन की अनुमति मिलने के बाद संजीव हंस की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं, जबकि ईडी की जांच जारी है.
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