Joharlive Desk
पटना। बिहार राज्य के 12 जिलों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 21 टीमें बाढ़ आपदा से कुशलता से निपटने के लिए मुस्तैदी से तैनात हैं। पूर्वी चंपारण व गोपालगंज जिले में तटबंध टूटने के बाद एनडीआरएफ की टीम ने रात में पहुंचकर लोगों के बीच राहत और बचाव कार्य चलाया। पूर्वी चंपारण में गंडक नदी बाढ़ के पानी के दबाव से पूर्वी चंपारण के भवानीपुर गांव के नजदीक नदी तटबंध अचानक टूट गया। तटबंध के टूटते ही भवानीपुर ग्रामीण क्षेत्र में तेजी से पानी भरने लगा और हजारों लोगों की जान मुसीबत में आ गई।
मौके को जिला प्रशासन के साथ मिलकर एनडीआरएफ के कार्मिकों ने मुस्तैदी से संभाला। कमान्डेंट विजय सिन्हा के निर्देश पर 9वीं बटालियन एनडीआरएफ की पूर्वी चंपारण में पहले से तैनात दो टीमें बाढ़ प्रभावित इलाके में रात में पहुंचकर बाढ़ बचाव ऑपरेशन चलाया।
टीम के एक अधिकारी ने बताया कि कमांडेंट विजय सिन्हा एनडीआरएफ टीमों द्वारा देर रात्रि से पूरे दिन चलाए गए रेस्क्यू अपेरशन की मॉनिटरिंग खुद करते रहे। ऑपरेशन के दौरान बच्चों, महिलाओं और वृद्घ व्यक्तियों का खास ध्यान रखा गया।
कमान्डेंट विजय सिन्हा ने बताया कि एनडीआरएफ की टीमों द्वारा पूर्वी चंपारण जिला के संग्रामपुर प्रखण्ड के साथ-साथ गोपालगंज जिला के मांझा और सदर प्रखंड में तथा सारण जिला के पानापुर दियारा क्षेत्र में भी बाढ़ बचाव ऑपरेशन चलाया गया।
गोपालगंज जिला में गंडक नदी सारण तटबंध टूटने से इलाके में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। निरीक्षक सुरेश बिलुंग के नेतृत्व में एनडीआरएफ की एक टीम गोपालगंज जिला के बैकुंठपुर प्रखंड के बाढ़ प्रभावित गांव गंभरिया दियारा और कीरतपुरा में शुक्रवार की रात में ऑपरेशन चलाकर मुसीबत में फंसे 102 लोगों को बाहर निकालकर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया।
उन्होंने बताया कि अब तक एनडीआरएफ की टीमें बिहार के बाढ़ प्रभावित पूर्वी चम्पारण, पश्चिम चंपारण, गोपालगंज, सुपौल और सारण जिलों में रेस्क्यू अपेरशन चलाकर मुसीबत में फंसे 3,500 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया है। ऑपेरशन के दौरान एनडीआरएफ के कार्मिक सिविल मेडिकल टीमों को भी बोट की मदद से बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में पहुंचाने में मदद कर रही है, जिससे जरूरतमंद लोगों को चिकित्सा सहायता मुहैया किया जा सके।