Joharlive Desk

पटना। बिहार में क्वारंटाइन केंद्रों का संचालन बंद किए जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग स्वाब सैंपल संग्रह की क्षमता को बढ़ा रहा है और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के दिशा-निर्देश का शत-प्रतिशत अनुपालन किया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने सूचना एवं जन-सम्पर्क सचिव अनुपम कुमार एवं अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) जितेंद्र कुमार के साथ कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर किये जा रहे कार्यों की अद्यतन जानकारी साझा करने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मंगलवार को आयोजित नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्य में 15 जून से क्वारंटाइन केंद्रों का संचालन बंद कर दिया गया है लेकिन कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग स्वाब सैंपल संग्रह की क्षमता बढ़ा रहा है।
श्री सिंह ने बताया कि संक्रमण की पहचान कर सभी पॉजिटिव को आइसोलेशन केंद्र में लाने के लिए हर जरूरी कदम उठाये जा रहे हैं। कोरोना जांच रणनीति के तहत संक्रमण के लक्षण वाले व्यक्तियों का अनिवार्य रूप से सैंपल लेकर जांच की जा रही है। पॉजिटिव मामले सामने आने पर उसके संपर्क में आए उच्च जोखिम वाले लोगों की तलाश कर सैंपल लिया जा रहा है। होम क्वारंटाइन का अनुपालन करने वाले लोगों पर सतत निगरानी रखी जा रही है और उनका सर्वेक्षण भी किया जा रहा है। यदि किसी भी व्यक्ति या उनके परिवार के सदस्य में लक्षण पाए जाते हैं तो उनके भी सैंपल लिये जा रहे हैं।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि बिहार लौटे व्यक्तियों का रैंडम तरीके से सैंपल लिया जा रहा है। वृद्ध एवं बीमार लोगों के सैंपल को विशेष प्राथमिकता दी जा रही है और संक्रमण की पहचान की जा रही है। इसके अलावा मॉल, सब्जी बाजार, मछली बाजार, ग्रामीण इलाकों में लगने वाले हाट-बाजार, अस्पताल में आने वाले लोगों का रैंडम सैंपल लेकर संक्रमण की पहचान की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जांच रणनीति से संबंधित दिशा-निर्देश सभी जिलों को भेजा गया है।

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