पटना: बिहार में महागठबंधन की सरकार टूटने की कगार पर पहुंच गई है. एक तरफ शुक्रवार को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली में हाई लेवल मीटिंग की, वहीं सीएम नीतीश कुमार आज जेडीयू के विधायकों के साथ मुख्यमंत्री आवास पर बैठक कर रहे हैं. हर किसी की निगाहें फिलहाल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर टिकी हुई हैं. वहीं सूत्रों की माने तो बीजेपी और नीतीश कुमार के बीच सत्ता का समीकरण बन चुका है. वहीं सूत्रों के हवाले से यह भी खबर है कि गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा कल यानि रविवार को नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण में शामिल हो सकते हैं. बता दें कि अगर नीतीश कुमार कल शपथ लेते हैं तो वह 9वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बनेंगे. नीतीश कुमार के पाला बदलने से सबसे बड़ा नुकसान I.N.D.I.A. गतबंधन को होगा. हालांकि बिहार की सबसे बड़ी पार्टी आरजेडी के सुप्रीमो लालू यादव दावा कर रहे हैं कि राज्य में बहुमत का आंकड़ा उनके पास है. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की हम ने भी अपने विधायकों के साथ एक बैठक की, जिसमें उन्होंने एनडीए में ही रहने का फैसला किया है. कांग्रेस फिलहाल इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी साधे हुई है. बिहार में आए इस राजनीतिक भूचाल में सभी राजनीतिक पार्टी अपनी अपनी रणनीति पर खेल रही है.
क्या है बिहार की राजनीतिक समीकरण
बिहार में सरकार बनाने के लिए 122 विधायकों का समर्थन होना जरूरी है.
- विधानसभा में कुल सीट : 243 सदस्य
- राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) : 78 विधायक
- भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) : 78 विधायक
- जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) : 45 विधायक
- कांग्रेस : 19 विधायक
- लेफ्ट (CPI/CPM) : 16 विधायक
- हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) : 5 विधायक
- ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) : 1 विधायक
- निर्दलीय : 1 विधायक
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