Joharlive Desk

पटना । सुपौल में त्रिवेणीगंज थानाक्षेत्र के एक गांव में 25 साल पहले हुये गैंगरेप के मामले में कोर्ट ने पूर्व विधायक योगेन्द्र नारायण सरदार समेत चार अन्य आरोपितों को दोषी करार दिया है। अब सजा के बिंदु पर 31 जनवरी को बहस के बाद सजा सुनाई जायेगी।

इस मामले में एडीजे तीन रविरंजन मिश्र की अदालत ने सोमवार को सुनवाई के बाद सजा सुनाई। कोर्ट ने अभियोजन पक्ष से 11 और बचाव पक्ष से 7 लोगों की गवाही के सभी को दोषी माना। लगभग 25 साल पहले त्रिवेणीगंज थाने में पीड़ित ने आरोपितों पर सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था। पीड़िता ने त्रिवेणीगंज थाने में केस दर्ज कर शंभू सिंह, भूपेन्द्र सरदार, योगेन्द्र नारायण सरदार, उमा सरदार, रामफल यादव और हरिलाल शर्मा उर्फ हरिनारायण शर्मा को नामजद किया था।कोर्ट ने सामूहिक दुष्कर्म के मामले में आरोपित शंभू सिंह, भूपेन्द्र यादव, पूूूूर्व विधायक योगेन्द्र नारायण सरदार (पूर्व विधायक) और उमा सरदार को दोषी करार दिया। सरदार उस समय जनता दल से त्रिवेणीगंज के विधायक थे। एक अन्य आरोपित रामफल यादव की मौत हो चुकी है। इस मामले में आरोपित हरिलाल शर्मा उर्फ हरिनारायण शर्मा अभी भी फरार चल रहा है।

उल्लेखनीय है कि गैंगरेप पीड़ित को तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने बिहार पुलिस में सिपाही की नौकरी दी थी। इसके लिए नियुक्ति के नियमों में शिथिलता भी बरती गई थी। बाद में पीड़िता ने अन्तरजातीय विवाह कर लिया था और फिलहाल एक जिले में पदस्थापित है।

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