Joharlive Desk
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सहारे राज्य के सत्ता के शिखर पर पहुंचने वाले पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) इस चुनाव में एक बार फिर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दलों में शामिल है। मांझी ने एक बार फिर सत्ता तक पहुंचने के लिए जदयू के साथ गठबंधन किया है। जदयू ने मांझी को सात सीटें दी हैं, जिसमें छह सीटों पर प्रथम चरण में ही चुनाव होना है।
मांझी ने सात सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है जिसमें दो ऐसी सीटें भी हैं, जिसमें उनके दामाद और समधिन चुनावी मुकाबले में ताल ठोंक रहे हैं। ऐसे में बिहार के 28 अक्टूबर को होने वाले प्रथम चरण का चुनाव काफी अहम माना जा रहा है।
इस चुनाव में राजग में शामिल चार दलों भाजपा, जदयू, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) और हम हैं। इसमें जदयू ने अपने हिस्से की 122 सीटों में से सात सीटें ‘हम’ को दी है, वहीं भाजपा ने अपने हिस्से आई 121 सीटों में से 11 सीटें वीआईपी को दी है।
‘हम’ के हिस्से आई सीटें टिकारी, इमामगंज, बाराचट्टी, मखदुमपुर, सिकंदरा, कसबा और कुटुंबा हैं। पिछले चुनाव में ‘हम’ को केवल एक सीटें मिली थी, जिसमें मांझी खुद इमामगंज से विधानसभा अध्यक्ष रहे उदय नाारायण चौधरी को हराकर विधानसभा पहुंचे थे। इस चुनाव में भी मांझी एक बार फिर इमामगंज से चुनावी मैदान में हैं और उनका मुकाबला चौधरी से ही होगा।
इस चुनाव में मांझी ने बाराचट्टी सीट से अपनी समधिन ज्योति देवी और मखदुमपुर सीट से अपने दामाद देवेंद्र कुमार को उम्मीदवार बनाया है। पिछले चुनाव में मांझी मखदुमपुर से चुनाव हार गए थे। देवेंद्र कुमार के खिलाफ राजद से सतीश दास चुनावी मैदान में उतरे हैं जबकि लोजपा ने यहां रानी कुमारी को और बहुजन समाज पार्टी ब्यासमुनि दास को प्रत्याशी बनाया है।
‘हम’ के लिए प्रतिष्ठा की सीट बनी बाराचट्टी से मांझी ने अपनी समधिन ज्योति देवी को चुनाव मैदान में उतारा है। उनके खिलाफ राजद ने अपने निवर्तमान विधायक समता देवी को फिर से यहां का प्रत्ययाशी बनाया है। बाराचट्टी से लोजपा ने रेणुका देवी को जबकि बसपा ने रीता देवी को प्रत्याशी बनाया है।
इसके अलावे ‘हम’ ने कुटुंबा से श्रवण भुईंयां, कसबा से राजेंद्र यादव, सिकन्दरा से प्रफुल्ल मांझी, टेकारी से अनिल कुमार को प्रत्याशी बनाया है। ‘हम’ के हिस्से आई सात सीटों में से कसबा सीट को छोड़कर सभी छह सीटों पर प्रथम चरण में मतदान होना है, यही कारण है कि मांझी के लिए प्रथम चरण का मतदान काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा के लिए तीन चरणों में होने वाले चुनाव के लिए मतदान 28 अक्टूबर, तीन नवंबर और सात नवंबर को होगा जबकि मतगणना 10 नवंबर को होगी। पहले चरण में 28 नवंबर को 71 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होगा जबकि दूसरे चरण में तीन नवंबर को 94 सीटों के लिए और आखिरी चरण में सात नवंबर को 78 सीटों के लिए मतदान होगा।