Joharlive Desk

भागलपुर । बिहार के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडे ने कहा कि ईमानदार लोगों की घटती दिलचस्पी की वजह से राजनीति का तेजी से अपराधीकरण हुआ है।

श्री पांडेय ने यहां कहा कि ईमानदार लोगों की घटती दिलचस्पी की वजह से राजनीति का तेजी से अपराधीकरण हुआ है। दागी छवि के लोगों को चुनाव में टिकट देना राजनीतिक दलों की मजबूरी बन गई है। उन्होंने कहा कि अब राज्य के थानों से लेकर बड़े अधिकारी भी जनता के बीच गावों मे कैंप लगा कर उनकी समस्या सुनेंगे। यह काम एक फरवरी से शुरू हो जाएगा।

पुलिस महानिदेशक ने कहा कि थानेदार सप्ताह में एक दिन, पुलिस उपाधीक्षक रैंक के अधिकारी पखवाड़े में, पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस उप महानिरीक्षक, वरीय पुलिस अधीक्षक एवं पुलिस अधीक्षक महीने में एक दिन गांव में जाकर ग्रामीणों के बीच रात में रुकेंगे और उनकी समस्या एवं परेशानियों से रूबरू होंगे। इसकी निगरानी मुख्यालय करेगा।
श्री पांडेय ने कहा कि बिहार में इस वर्ष होने वाला विधानसभा चुनाव पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है। साथ ही सूबे में बढ़ते साइबर अपराध भी पुलिस के लिए चुनौती बन गई है। इस पर निगरानी रखने के लिए अलग सेल तो बनाया गया है। इसके बाद भी पुलिस को इससे निपटने के लिए सजग और चौकस रहना होगा। साइबर अपराधी गरीबों और मेहनतकश लोगों को शिकार बनाकर उनकी गाढ़ी कमाई उड़ा ले जा रहे है।
पुलिस महानिदेशक ने बताया कि बिहार को अपराध मुक्त बनाने की दिशा में पुलिसकर्मी दिन-रात काम कर रहे हैं। अपराधिक घटनाओं में कमी तो आई है और साथ ही लंबित मामलों के अनुसंधान के काम तेजी से किये जा रहे हैं। वहीं, इन कामों में लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों पर मुख्यालय से नजर रखी जा रही है। दोषी अधिकारी छोड़े नहीं जायेंगे।
श्री पांडेय ने कहा कि भागलपुर जिले के कुछ पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध गंभीर शिकायते मिली हैं और इस की जांच-पड़ताल के लिए उनके नेतृत्व में अपराध अनुसंधान (सीआईडी) की अलग-अलग टीमें जिले के तीन स्थानों पर कैंप लगाकर मामलों की जांच कर रही है। यदि शिकायतें सही पाई गई तो दोषी पुलिस अधिकारी दंडित होगे। इस मौके पर भागलपुर के पुलिस उप महानिरीक्षक सुजीत कुमार एवं वरीय पुलिस अधीक्षक आशीष भारती भी मौजूद थे।

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