Joharlive Team
पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के स्वास्थ्य एवं पोषण एजेंडे को और आगे ले जाने के उद्देश्य से आज बिल एवं मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सह अध्यक्ष बिल गेट्स से मुलाकात की।
श्री कुमार ने बिहार के स्वास्थ्य एवं पोषण एजेंडे को और आगे ले जाने के उद्देश्य से यहां संवाद में श्री गेट्स से मुलाकात की और राज्य के महत्वपूर्ण स्वास्थ्य और विकास लक्ष्यों के समाधान तलाशने में निरंतर भागीदारी के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। इस मौके पर उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय एवं अन्य प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने विमर्श पर टिप्पणी करते हुए कहा, “हम, लोक स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, सामुदायिक स्तर पर जन-व्यवहार परिवर्तन, स्वास्थ्य, पोषण एवं कृषि जैसे क्षेत्रों में अभिनव प्रयास को बढ़ाने में बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन की सहभागिता से बहुत खुश हैं। बिहार स्वास्थ्य, समाज कल्याण, कृषि, महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास जैसे विभागों में स्थायी प्रणालियों को और मजबूत करने के लिए गेट्स फाउंडेशन के साथ साझेदारी जारी रखने को इच्छुक हैं।”
वहीं, श्री गेट्स ने कहा, “पिछले 20 वर्षों में, बहुत ही कम स्थानों ने बिहार की तुलना में गरीबी और बीमारी के खिलाफ अधिक प्रगति की है। बिहार में आज जन्म लेने वाले एक शिशु में अपने पांचवें जन्मदिन तक पहुंचने की संभावना, दो दशक पहले जन्मी उनकी मां की तुलना में दो गुने से अधिक है। अब हमें यह सुनिश्चित करना है कि सभी बच्चे स्वस्थ होकर अच्छी शिक्षा प्राप्त करने में सक्षम हों और इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हमारा फाउंडेशन बिहार सरकार के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।”
इस दौरान श्री गेट्स को बताया गया कि बिहार ने विभिन्न क्षेत्रों में प्रभावशाली प्रगति की है। लोक स्वास्थ्य प्रबंधन कैडर के निर्माण के माध्यम से राज्य की स्वास्थ्य प्रणाली में निर्णायक सुधार लाने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है, जो लोक स्वास्थ्य में अधिक प्रशासनिक और प्रबंधन क्षमता लाते हुए अच्छी गुणवत्ता वाली चिकित्सकीय देखभाल देने के लिए परिकल्पित है। इसके अलावा, पूरी तरह कार्यात्मक एकीकृत रेफरल परिवहन प्रणाली को प्राप्त करने के लिए लोक निजी भागीदारी के प्रयास, सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर मातृ और नवजात शिशु देखभाल में सुधार के लिए अमानत नर्स मेंटरिंग कार्यक्रमों का क्रियान्वयन, स्वास्थ्य प्रक्षेत्र में मानव संसाधन बढ़ाने की प्राथमिकता पर ध्यान केन्द्रित करना बिहार सरकार के कुछ उल्लेखनीय प्रयास हैं।
बिहार में लगभग 900000 स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के स्तर में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। जीविका के माध्यम से स्वास्थ्य और विकास के प्रक्षेत्र में महिलाओं को शामिल करने की दिशा में प्रयास चल रहे हैं। राज्य में स्वयं सहायता समूह कृषि, जेंडर, पशुधन, मातृ, नवजात स्वास्थ्य, पोषण और परिवार नियोजन परिणामों को आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में सेवा प्रदान कर रहे हैं।
इस परिचर्चा के दौरान स्वास्थ्य क्षेत्र में संरचनात्मक सुधारों को आगे भी प्राथमिकता देने पर जोर दिया गया। प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल को मजबूत करने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए बिहार में एक मजबूत, व्यापक और उत्तरदायी स्वास्थ्य प्रणाली के निर्माण की बात बताई गयी। इसके लिए एक व्यापक रोडमैप के माध्यम से उपचारात्मक सेवाओं के सहयोग की बात पर जोर दिया गया।
इसके अलावा, इस बात पर सहमति हुई कि उपेक्षित ट्रॉपिकल रोगों जैसे कालाजार, लिम्फेटिक फाइलेरिया तथा संक्रामक रोग जैसे यक्ष्मा के उन्मूलन में पूर्व की प्रतिबद्धता में तेजी लायी जाएगी। डिजिटल डैशबोर्ड और निर्णय सहयोग प्रणाली के माध्यम से समावेशी कृषि परिवर्तन योजना और पशुधन मास्टर प्लान (एलएमपी) के कार्यान्वयन की प्रगति की निगरानी को बढ़ावा देने पर भी चर्चा की गई। जेंडर डैशबोर्ड को क्रियान्वानित करने में राज्य का प्रयास सराहनीय है।
जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव का मुकाबला करने और पृथ्वी पर पारिस्थितिक संतुलन को बहाल करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा संचालित कार्यक्रम ‘जल-जीवन-हरियाली’ के अन्तर्विभागीय प्रयासों को बताया गया। श्री गेट्स को राज्य के इस अभिनव मुहिम से अवगत कराया गया।
बैठक के दौरान ‘रूटीन इमोनाइजेशन’ पर आधारित एक स्मारिका का भी विमोचन किया गया। मुख्यमंत्री श्री कुमार ने श्री गेट्स को अंगवस्त्र एवं प्रतीक चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया।