नई दिल्ली : डेरा मैनेजर रणजीत सिंह की हत्या के मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को आज (मंगलवार, 28 मई) पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने बरी कर दिया. हाईकोर्ट ने चार अन्य आरोपियों को भी बरी कर दिया है.

2021 में पंचकुला की विशेष सीबीआई अदालत ने राम रहीम और चार अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. 10 जुलाई 2002 को कुरुक्षेत्र के खानपुर कोलिया में रणजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई.

डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने सीबीआई कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. आज हाई कोर्ट के जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और जस्टिस ललित बत्रा की खंडपीठ ने उन्हें बरी कर दिया.

जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे

राम रहीम के पत्रकार रामचन्द्र छत्रपति हत्या और बलात्कार के मामले में दोषी हैं. इसके अलावा उनके खिलाफ और भी कई मामले लंबित हैं. राम रहीम ने रेप और छत्रपति हत्याकांड पर निचली अदालत के फैसले को भी हाई कोर्ट में चुनौती दी है और मामला हाई कोर्ट में लंबित है. ऐसे में साफ है कि वह जेल से बाहर नहीं आ सकते. राम रहीम फिलहाल रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है.

फैसले में कोर्ट ने क्या कहा?

18 अक्टूबर 2021 को पंचकुला की विशेष सीबीआई अदालत ने डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम और चार अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. मामले में अन्य आरोपी अवतार सिंह, कृष्ण लाल, जसबीर सिंह और सबदिल सिंह थे. मामले की सुनवाई के दौरान एक आरोपी की मौत हो गई. सीबीआई जज ने राम रहीम पर 31 लाख रुपये, सबदिल पर 1.50 लाख रुपये और जसबीर और कृष्णा पर 1.25-1.25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था.

पंचकुला सीबीआई अदालत ने कहा था कि इस बात में कोई संदेह नहीं है कि गुरमीत राम रहीम गुमनाम पत्र के प्रसार से व्यथित महसूस कर रहे थे, जिसमें डेरा की साध्वियों के यौन शोषण के गंभीर आरोप थे.

रणजीत सिंह को एक गुमनाम पत्र को सार्वजनिक करने में उनकी संदिग्ध भूमिका के बाद डेरा से हटा दिया गया था, जिसमें बताया गया था कि डेरा प्रमुख ने महिलाओं का यौन शोषण कैसे किया.

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