रांची: पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को रांची सिविल कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. 2016 में बड़कागांव थाना क्षेत्र में खनन कार्य के लिए भूमि अधिग्रहण में बाधा डालने के आरोप में दर्ज केस की सुनवाई करते हुए सिविल कोर्ट रांची ने पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को साक्ष्य के आभाव में बरी कर दिया. वहीं, इस मामले में अदालत ने बड़कागांव की पूर्व विधायक निर्मला देवी को दोषी करार देते हुए एक महीने की सजा सुनाई है. कांग्रेस के पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को रांची सिविल कोर्ट से बड़ी राहत मिली है.
2016 में बड़कागांव थाना क्षेत्र में खनन कार्य के लिए भूमि अधिग्रहण में बाधा डालने के आरोप में दर्ज केस की सुनवाई करते हुए सिविल कोर्ट रांची ने उन्हें साक्ष्य के आभाव में बरी कर दिया है. सोमवार को इस मामले की रांची सिविल कोर्ट के अपर न्यायाधीश 7 विशाल श्रीवास्तव की कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद यह फैसला दिया गया है. वहीं, इसी मामले में अदालत ने बड़कागांव की पूर्व विधायक निर्मला देवी को दोषी करार दिया है. उनके साथ कोर्ट ने मंटू सोनी को भी सरकारी कामकाज में बाधा डालने के आरोप को सत्य पाते हुए दोषी करार दिया है.
न्यायालय ने दोनों को इस मामले में एक-एक महीने की सजा सुनाई है. अपर लोक अभियोजक परमानंद यादव ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि न्यायालय में लंबी चली सुनवाई के बाद यह फैसला दिया गया है. 2016 में बड़कागांव थाना क्षेत्र में एनटीपीसी अधिगृहित खनन क्षेत्र में विरोध करने के दौरान हुए लाठीचार्ज के बाद एक साथ 4 कांड दर्ज हुए थे. जिसमें कांड संख्या 226/2016 में यह फैसला आया है. अन्य तीन केस में फैसला आना बाकी है. शेष तीनों केस की सुनवाई कुछ महीनों में आने की संभावना जताई जा रही है. योगेंद्र साव, उनकी पत्नी निर्मला देवी और अन्य के खिलाफ चल रहे न्यायालय में फिलहाल सात मामलों में सुनवाई चल रही है.
योगेंद्र साव और उनकी पत्नी निर्मला देवी के खिलाफ न्यायालय में चल रहे सभी सात मामलों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में रांची स्थित न्यायालय में स्थानांतरित किया गया है. इन सभी मुकदमों की सुनवाई फिलहाल विशाल श्रीवास्तव अपर न्यायायुक्त-07 की अदालत में चल रही है. सभी मुकदमों में शिकायतकर्ता सरकारी सेवक हैं.