पटना : बिहार के सरकारी स्कूलों में परीक्षा का पैटर्न बदल गया है. दरअसल अब हर जिले में प्रश्न पत्र अलग-अलग होगें. यह पहला मौका होगा जब विभाग के स्तर से ऐसा प्रयोग किया जा रहा है. इसके साथ ही विद्यार्थियों को इस बार परीक्षा में अंक की जगह ग्रेड देने की तैयारी है.

परीक्षा असफल, तो प्रधान/शिक्षक जिम्मेवार

विभागीय निर्देश के अनुसार स्कूलों में कमजोर बच्चों के लिए मिशन दक्ष के तहत कक्षा एक आठ तक के लिए विशेष कक्षाएं प्रतिदिन आयोजित की जा रही हैं. निर्देश में कहा गया है कि यदि कोई बच्चा वार्षिक परीक्षा में असफल होता है, तो उक्त स्कूल के प्रधानाध्यापक और शिक्षक जिम्मेदार होंगे. इसको देखते हुए स्कूलों के शिक्षक प्रतिदिन कमजोर बच्चों को पढ़ाने में व्यस्त हैं. इसकी प्रतिदिन की रिपोर्ट प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा विभाग को भेजी जा रही है.

कैसा होगा प्रश्न पत्र

प्रश्न पत्र सह उत्तर पुस्तिका के कागज की क्वालिटी और साइज का विवरण डीइओ कार्यालय की ओर से जारी किया गया है. प्रश्न पत्र सह उत्तर पुस्तिका ए 3 साइज का होना चाहिए और काजग की क्वालिटी 70 जीएसएम की होनी चाहिए, ताकि विद्यार्थियों को उत्तर लिखने में आसानी हो. प्रश्न पत्र की छपाई के बाद वर्गवार और विषयवार अलग-अलग 600-600 प्रश्न पत्र सह उत्तर पुस्तिका का बंडल तैयार किया जायेगा.

18 मार्च से होगी वार्षिक परीक्षा

बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने इसके लिए परीक्षा कार्यक्रम की घोषणा कर दी है. इसके तहत कक्षा पांच और आठ की परीक्षा 18 से 21 मार्च तक होगी. इसी तरह कक्षा एक से चार और कक्षा छह और सात की परीक्षा 21 से 28 मार्च तक चलेगी. सभी कक्षाओं की परीक्षा दो पालियों में होगी. पहली पाली की परीक्षा सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक और दूसरी पाली की परीक्षा दोपहर एक से तीन बजे तक चलेगी.

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