रांची : भू-अर्जन कार्यालय के अधिकारियों व कर्मियों की लापरवाही के कारण बिरसा मुंडा एयरपोर्ट(हुंडरू) हेथु चंदाघासी रिंग रोड(कोचाबाग) परियोजना लैप्स कर गई. आश्चर्य की बात यह है कि एक साल पहले ही भू-अर्जन कार्यालय की ओर से जमीन अधिग्रहण को लेकर अधिसूचना 2 नवंबर 2022 को जारी कर दी गई थी. एक साल के अंदर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी करनी थी. मतलब धारा-19 का प्रकाशन करना था. मगर भू-अर्जन कार्यालय की लापरवाही की वजह से यह कार्य एक साल में भी पूरा नहीं हो पाया. जबकि, पथ निर्माण विभाग, पथ प्रमंडल रांची की ओर से योजना लैप्स होने का अंदेशा देखते हुए एक महीना पहले ही भू-अर्जन पदाधिकारी से कहा गया था कि निर्धारित समय तक जमीन के अधिग्रहण का कार्य पूरा कर लिया जाए. इसके बावजूद जमीन अधिग्रहण का काम नहीं हो पाया. इस कारण यह योजना भू-अर्जन नियमों के कारण लैप्स कर गई है.

प्रोजेक्ट में त्रुटि निराकरण की मांग पूरी होने पर भी लापरवाही

बिरसा मुंडा एयरपोर्ट (हुंडरू) हेथु चन्दापासी रिंग रोड (कोचबांग) पथ (कुल लम्बाई 6.950 कि०मी०) के निर्माण कार्य परियाजना में भू-अर्जन कार्यालय की ओर से पथ प्रमंडल रांची को पत्र लिख गया था, जिसके बाद पथ प्रमडल रांची की ओर से उसका निराकरण करते हुए शुद्ध अधियाचना पथ निर्माण को उपलब्ध कराई गई थी.  इस संबंध में पथ निर्माण के कार्यपालक अभियंता ने 14 अक्टूबर को ही जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी थी. पत्र में कार्यपालक अभियंता ने कहा था कि परियोजना से संबंधित अधियाचना इस कार्यालय के पत्रांक- 890 (अनु0) 28 मार्च 2022 द्वारा आपको उपलब्ध करा दिया गया था. आपके कार्यालय अमीन/कानूनगो जिला भू-अर्जन द्वारा उक्त परियोजना में त्रुटि के निराकरण की मांग की गई थी. उक्त अंकित त्रुटि का निराकरण करते हुए इस कार्यालय के पत्रांक- 1790(अनु०) 3 सितंबर 2022 द्वारा पुनः आपको शुद्ध अधियाचना उपलब्ध करा दी गयी थी. आपके कार्यालय द्वारा प्रारंभिक अधिसूचना की प्रति इस कार्यालय को प्राप्त है, जिसमें धारा-11 का प्रकाशन 2 नवंबर 2022 को कर दिया गया है एवं रैयतों को नोटिस भी उपलब्ध करा दिया गया. उक्त परियोजना में अर्जित की जाने वाली भूमि हेतु संभावित अधियाचना अब तक अप्राप्त है.

साल भर में धारा-19 का प्रकाशन होना है जरूरी

पथ निर्माण के कार्यपालक अभियंता के पत्र के अनुसार, भू-अर्जन कार्यालय की ओर से समय से त्रुटि के निराकरण के लिए पत्र नहीं भेजा गया. कार्यपालक अभियंता ने जिला भू अर्जन पदाधिकारी को भेजे पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि इस कार्यालय के पत्रांक-1700 (अनु0) 30 नवंबर 2023 द्वारा जब इस अति महत्वाकांक्षी पथ परियोजना के लिए भूमि जल्द से जल्द उपलब्ध कराने हेतु पत्राचार करने के बाद आपके द्वारा पुनः उक्त योजना के भू-अर्जन प्रस्ताव की त्रुटि निराकरण हेतु लिखा गया है. आपके द्वारा दर्शाई गई त्रुटि का निराकरण कर समर्पित किया जा रहा है. भू अर्जन नियमानुसार वारा-11 प्रारंभिक अधिसूचना के एक वर्ष के बाद यदि धारा-19 नहीं किया जाता है तो आपके द्वारा ही चलाई गई योजना व्ययगत हो जाती है. अभी तक इस कार्यालय को संभावित राशि की सूची प्राप्त नहीं है. विभाग से राशि की मांग करते एक माह की अवधि लग जाती है ऐसी परिस्थिति में योजना व्ययगत भी हो सकती है.

कार्यपालक अभियंता ने अपने पत्र में क्या लिखा है

कार्यपालक अभियंता ने भू-अर्जन पदाधिकारी को भेजे गए पत्र में यह भी कहा था कि सारी जवाबदेगी भू-अर्जन कार्यालय की होगी. उन्होंने अपने पत्र में लिखा था कि आपके पत्र द्वारा अवगत कराई गई त्रुटि यदि पूर्व में ससमय करा दिया गया होता तो अब तक उसका निराकरण भी करा लिया जाता. मगर अधिसूचना प्रकाशित करने के उपरान्त त्रुटि का निराकरण/एक वर्ष बीत जाने के बाद त्रुटि का निराकरण की मांग का औचित्य स्पष्ट नहीं है. ऐेस में सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना में अनावश्यक विलंब नहीं किया जाए अन्यथा योजना व्ययगत होने की सारी जबावदेही जिला भू-अर्जन कार्यालय की होगी. हालांकि, भू-अर्जन नियमों के कारण यह योजना लैप्स कर गई है. ऐसे में अब पथ निर्माण विभाग को फिर से अधियाचना भेजनी पड़ेगी. जिसके बाद नए सीरे से अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू करनी पड़ेगी. मतलब साफ है कि इस लापरवाही के कारण इस परियोजना के शुरू होने में देर होगी.

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