नई दिल्ली. देवघर के पंडा और पुजारियों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर और बाबा बासुकीनाथ मंदिर को जल्द खोलने संबंधी याचिका पर त्वरित सुनवाई से इनकार कर दिया है. इस तरह इन दोनों मंदिरों के कपाट जल्द खुलने की संभावना नहीं है. देवघर के पंडा और पुजारियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इस मामले की जल्द सुनवाई का आग्रह किया था. कोरोना संक्रमण को देखते हुए इन दोनों मंदिरों को बंद कर दिया गया है. बता दें कि बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर में हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं. खासर श्रावण के महीने में तो यह संख्या बहुत ज्यादा हो जाती है. भीड़ को जुटने से रोकने के लिए बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर को बंद कर दिया गया है.
झारखंड सरकार ने कोरोना के बढ़ते प्रकोप और उसके फैलाव को देखते हुए बाबाधाम और बासुकीनाथ धाम के कपाट बंद कर दिए हैं. इससे श्रद्धालु नहीं पहुंच रहे हैं. इसे देखते हुए बाबा वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग के पुजारियों के समूह पंडा धर्म रक्षिणी सभा ने इन दोनों मंदिरों को खोलने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. धर्म रक्षिणी सभा ने अर्जी पर जल्द सुनवाई की मांग की थी. याचिका में आवश्यक दिशा-निर्देश के साथ सुल्तानगंज (बिहार) से एकत्रित गंगा जल के साथ बाबा बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर के पंडा/पुजारियों को श्रावण के महीने के दौरान पारंपरिक श्रावण पूजा करने की अनुमति देने की मांग की गई है. याचिकाकर्ता ने सीमित वैक्सीनेटेड पंडा को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए प्रतीकात्मक कावंड़ यात्रा करने की भी अनुमति मांगी थी. साथ ही मामले पर त्वरित सुनवाई का भी आग्रह किया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया.
इससे पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से झारखंड विधानसभा स्थित कक्ष में राज्य के कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के मंत्री बादल के नेतृत्व में कांग्रेसी विधायकों के एक शिष्टमंडल ने मुलाकात की और उनसे राज्य के प्रमुख मंदिरों को खोलन की मांग रखी. प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से बाबा बैद्यनाथ मंदिर देवघर, बासुकीनाथ मंदिर, रजरप्पा, ईटखोरी, पहाड़ी मंदिर सहित राज्यभर में स्थित दर्जनों बंद मंदिरों को पूजा-अर्चना के लिए खोलने का आदेश देने का अनुरोध किया था.