रांची। एक करोड़ के इनामी पोलित ब्यूरो सदस्य मिसिर बेसरा उर्फ भाष्कर दस्ते को बड़ा झटका लगा है। झारखंड पुलिस की आत्मसमर्पण नीति से प्रेरित हो कर 8 नक्सलियों ने खुद को सरेंडर किया है। सरेंडर करने वाले नक्सलियों में 3 महिला और 5 पुरुष शामिल है।
सरेंडर करने वाले नक्सलियों में जयराम बोदरा उर्फ जुटिया बोदरा (21), सरिता सरदार उर्फ मुगले सरदार(20), सोमवारी मुंडा उर्फ सोमवारी कुमारी(20), मार्टिन अंगरिया(18), कुसानु सिरका उर्फ कार्तिक, रौशनी पूर्ति उर्फ संजू पूर्ति, तुंगीर पूर्ति और पातर कोडा शामिल है। ये सभी मिसिर बेसरा दस्ते के सदस्य है। सभी ने रांची रेंज के जोनल आईजी पंकज कंबोज के कार्यालय में आईजी अभियान अमोल वेणुकान्त होमकर के समक्ष खुद को सरेंडर किया है। इस मौके पर जोनल आईजी पंकज कंबोज, डीआईजी अनूप बिरथरे, चाईबासा एसपी आशुतोष शेखर, सीआरपीएफ के अधिकारी भी मौजूद थे।
नक्सली संगठनों के खिलाफ चौतरफा कार्रवाई की जा रही
झारखण्ड सरकार ने राज्य को नक्सल मुक्त राज्य बनाने का संकल्प लिया है। इसी संकल्प को धरातल पर उतारने के लिए डीजीपी नीरज सिन्हा के निर्देशन में झारखण्ड पुलिस, कोबरा, सीआरपीएफ बल, झारखण्ड जगुआर और अन्य केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बलों के द्वारा सभी नक्सली संगठनों के खिलाफ चौतरफा कार्रवाई की जा रही है। इस दिशा में पुलिस को नक्सली संगठनों के विरुद्ध निरंतर सफलताएं भी मिल रही है। झारखण्ड को पूरी तरह से नक्सल मुक्त करने हेतु भटके नक्सलियों को मुख्य धारा में लौटने के लिए झारखण्ड सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत झारखण्ड पुलिस लगातार कार्य कर रही है, जिसका परिणाम काफी सकारात्मक रहा है। अब तक भाकपा माओवादी सहित अन्य प्रतिबंधित नक्सली संगठनों के कई बड़े ईनामी नक्सली कमाण्डरों से लेकर दस्ता सदस्य झारखण्ड पुलिस एवं केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बलों के समक्ष आत्मसमर्पण कर रहे है।
जाने किस नक्सलियों के ऊपर कितने मामले है दर्ज:
जयराम बोदरा के ऊपर कुल 11 मामले दर्ज है, सरिता सरदार के ऊपर 06 मामले दर्ज है. सोमवारी कुमारी के ऊपर 02 मामले दर्ज है. मारतम अंगरिया के ऊपर 05 मामले, तुंगीर पूर्ति के ऊपर 01, पातर कोड़ा के ऊपर 06 मामले दर्ज है. जबकि कुसनू सिरका और संजू पूर्ति पिछले तीन साल से नक्सल संगठन में सक्रिय थे