नई दिल्ली : सांस्कृतिक संपत्तियों की अवैध तस्करी एक पुराना और गंभीर मुद्दा है, जिसने भारत सहित कई देशों को प्रभावित किया है. प्रधानमंत्री मोदी की हालिया अमेरिका यात्रा के दौरान 297 पुरावशेष भारत को सौंपे गए हैं, जो कि अवैध तस्करी के जरिए अमेरिका पहुंचे थे. इस प्रकार, 2014 से अब तक भारत द्वारा बरामद की गई प्राचीन वस्तुओं की कुल संख्या 640 हो गई है, जिसमें अकेले अमेरिका से लौटाई गई कलाकृतियों की संख्या 578 है. पीएम मोदी की पिछली अमेरिका यात्राएं भी इस संदर्भ में सफल रही हैं.

2004-13 के बीच सिर्फ एक कलाकृति वापस आई थी

2004-2013 के बीच भारत को केवल एक कलाकृति वापस मिली थी. लेकिन 2021 में पीएम मोदी की यात्रा के दौरान  अमेरिकी सरकार ने 157 पुरावशेष लौटाए, जिनमें 12वीं शताब्दी की कांस्य नटराज प्रतिमा भी शामिल थी. इसके अलावा 2023 में पीएम की यात्रा के बाद 105 कलाकृतियां वापस की गईं.

अन्य देशों से भी कलाकृतियों की वापसी

भारत ने केवल अमेरिका से नहीं, बल्कि ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों से भी कई पुरावशेष प्राप्त किए हैं. उदाहरण के लिए  ब्रिटेन से 16 और ऑस्ट्रेलिया से 40 कलाकृतियां वापस की गई हैं.

सांस्कृतिक संपत्ति समझौता

जुलाई 2024 में नई दिल्ली में 46वीं विश्व धरोहर समिति के दौरान  भारत और अमेरिका ने पुरावशेषों की अवैध तस्करी पर रोकथाम के लिए ‘सांस्कृतिक संपत्ति समझौते’ पर हस्ताक्षर किए. पिछले दस वर्षों में इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है, जो भारत की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के प्रयासों को दर्शाती है. पीएम मोदी के वैश्विक नेताओं के साथ मजबूत संबंध इस वापसी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.

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