भुरकुंडा (रामगढ़) : पतरातू प्रखंड के देवरिया गांव का दिव्यांग युवक अरुण मुंडा कृत्रिम पैर की चाह में भटक रहा है। लेकिन उसे कोई सहयोग नहीं मिल रहा है और न ही जनप्रतिनिधि और आला अधिकारी मामले की सुध ले रहे हैं। वर्ष 2009 में विद्युत विभाग के लिए दिहाड़ी मिस्त्री के रूप में काम के दौरान विभागीय लापरवाही से हुई दुर्घटना में अरुण 11 हजार वोल्ट करंट की चपेट में आ गया। जिसके बाद डॉक्टरों ने बायां हाथ और बायां पैर काटकर किसी तरह उसकी जान बचाई।
अरूण मुंडा उचित मुआवजे को लेकर लंबी कानूनी लड़ाई भी लड़ रहा है। इधर अरूण कृत्रिम हाइड्रोलिक पैर के लिए सांसद और विधायकों के पास भी गुहार लगा चुका है। बावजूद इसके कहीं से सार्थक पहल नहीं हो सका है।