Joharlive Desk
पुणे : महाराष्ट्र के भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी 81 वर्षीय वरवरा राव को बॉम्बे हाईकोर्ट ने छह महीने के लिए जमानत दे दी है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने चिकित्सा आधार पर वरवरा राव को जमानत देने का फैसला लिया है। उन्हें इस शर्त पर जमानत दी गई है कि उन्हें मुंबई में ही रहना है और जांच के लिए उपलब्ध होना चाहिए। बता दें कि 28 अगस्त, 2018 से वरवरा राव ट्रायल का इंतजार कर रहे हैं। जस्टिस एस एस शिंदे और जस्टिस मनीष पितले की खंडपीठ ने कहा कि इसमें कुछ उचित शर्तें लागू होंगी। राव को 6 महीने के लिए नानावती अस्पताल से छुट्टी देने का निर्देश दिया गया है।
उन्हें अपने रहने वाले स्थान की जानकारी मुहैया करानी होगी। ट्रायल के दौरान जब भी बुलाया जाएगा, उन्हें उपस्थित रहना होगा। वह व्यक्तिगत राहत के लिए आवेदन कर सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि वह निकटतम पुलिस स्टेशन में व्हाट्सएप वीडियो कॉल कर सकते हैं और अपनी उपस्थिति के बारे में बता सकते हैं। एल्गार परिषद मामले में यह पहली जमानत है।
असल में, भीमा कोरेगांव केस में जेल में बंद वरवर राव पिछले साल जुलाई में कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। न्यायिक हिरासत में नवी मुंबई के तालोजा जेल में बंद वरवर राव को उसके बाद सरकारी जेजे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तब वरवर राव के परिवार ने उनकी बिगड़ती हालत को लेकर चिंता जाहिर की थी। इसके बाद हाई कोर्ट ने उन्हें नानावती अस्पताल में भर्ती कराने का आदेश दिया था।