Joharlive Team
बड़कागांव:-झारखंड के हजारीबाग जिले बड़कागांव प्रखंड स्थित पंकरी बरवाडीह मेगालिथ स्थल से सूर्य को उत्तरायण से दक्षिणायन की ओर करवट लेते हुए देखा गया।सूर्य के इस नजारा को देखने के लिए लोग 23 सितंबर सुबह से जुटे हुए थे ।हालांकि कोरोनावायरस व बादलों के कारण गत वर्षो की अपेक्षा इस वर्ष विशेषज्ञ व खगोल शास्त्री नही आ सके।बादलों के साथ सूर्य का लुकाछिपी का खेल से खगोल प्रेमी काफी हताश होते रहे, लेकिन सूर्य ने इन खगोल प्रेमियों को अंततः खुश कर ही दिया और सूर्य दो मेगालिथ पत्थर के भी आकार के खड्ड से बने हुए बीचो-बीच से दिखाई दिया।
खगोल प्रेमियों ने सुरक्षा की मांग की
संजय सागर ने बताया कि यह मेगालिथ पॉइंट भौगोलिक एवं ऐतिहासिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण स्थल है क्योंकि जर्मनी के म्यूजियम के विशेषज्ञ 2001 में आकर यहां कि टूल्स ले गए थे। टूल्स के कार्बन डेटिंग के अनुसार पता चला था कि बड़कागांव प्राचीन मानव का सभ्यता का केंद्र रहा है।जिस समय घड़ी की अविष्कार नहीं हुई थी, उस समय इस स्थल के चारों ओर गाड़े गए पत्थरों से स्पष्ट होता है कि यह स्थल वेधशाला रहा होगा। इन्ही पत्थरों के माध्यम से लोग समय का पता लगाते थे। इस स्थल को संरक्षित करने की आवश्यकता है।
बनारस विश्वविद्यालय के स्कॉलर विपिन कुमार निराला ,महेंद्र महतो ,राम नरेश मिश्रा, विवेक कुमार शर्मा ,शिक्षक रंजीत प्रसाद, शिवनारायण कुमार, परी कुमारी ,शिया कुमारी, धनेश्वर साव,खिरोधर साव, प्यासा मोसोमात ने इस स्थल को सुरक्षा व सुंदरीकरण करने की मांग राज्य व केंद्र सरकार से की है।